रायपुर. भारत के नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर चल रही सियासत छत्तीसगढ़ तक आ पहुंची हैं। नया संसद भवन बनकर तैयार हैं, और पीएम नरेंद्र मोदी 28 मई को इसका उद्घाटन करने वाले हैं। इस बीच उद्घाटन को लेकर भी राजनीति तेज हो गई हैं। कांग्रेस, वामदलों और आम आदमी पार्टी समेत विपक्षी दलों का कहना हैं कि, उद्घाटन पीएम को नहीं बल्कि राष्ट्रपति को करना चाहिए। यही नहीं विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाए हैं कि वह राष्ट्रपति की गरिमा को कमजोर कर रही हैं।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि, संसद के नये भवन का लोकार्पण देश की महिला राष्ट्रपति जो आदिवासी समाज से आती हैं। द्रौपदी मुर्मू के हाथों करवाया जाना चाहिये। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश की आधी आबादी महिलाओं के साथ देश की आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व करती हैं। ऐसे में संसद भवन का लोकार्पण उनके हाथों से ही होना चाहिये। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी मांग किया हैं कि, राष्ट्रपति भवन का लोकार्पण राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के हाथों होना चाहिये। राष्ट्रपति देश की संविधानिक प्रमुख हैं।
संसद भवन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन कह रहे हैं कि, कांग्रेस पार्टी अपना दोहरा चरित्र न दिखाए। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का दोहरा चेहरा दिखता हैं। छत्तीसगढ़ विधानसभा के भूमि पूजन में छत्तीसगढ़ की राज्यपाल को नही पूछा गया था। अनुसूचित जनजाति के गवर्नर को न पूछा गया न बताया गया। ये अनुसूचित जनजाति का अपमान हैं। भारतीय जनता पार्टी ने सर्वोच्च स्थान पर सर्वोच्च सम्मान अनुसूचित जनजाति की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दिया तो कांगेस पार्टी को पच नही रहा।