नारायणपुर. जल, जंगल, जमीन की सुरक्षा, मूल पेशा कानून लागू करना और वन अधिकार अधिनियम में हुए बदलावो को निरस्त करने की मांग को लेकर विगत 200 दिनों से अबूझमाड़ के अलग अलग स्थानों पर आंदोलनरत है। हजारों ग्रामीण कल देर शाम अपने साथ पारंपरिक हथियारों एवं खाना पकाने की बर्तन, जलाऊ लकड़ी लेकर पुलिस की बैरिकेट तोड़ कर जिला मुख्यालय पहुंचे और रात को बाजार स्थल में विश्राम कर आज बाजार स्थल में ही बैठक हेतु एकत्र हुए। जहां ग्रामीणों से मिलने जिला कलेक्टर अजीत वसंत और एस पी पुष्कर शर्मा भी पहुंचे और ग्रामीणों से बात की है। कलेक्टर के आश्वासन के बाद सभी ग्रामीण अपने गांव की ओर वापस लौट गए हैं।
बता दें कि, पुलिस के सारे अवरोध को दरकिनार करते हुए हजारों ग्रामीण जिला मुख्यालय के बाजार स्थल में देर रात से डेरा डाले हुए थे। जिसके बाद आज सुबह बाजार स्थल में ही ग्रामीणों ने बैठक बुलाई और अपनी मांगों संबंधी ज्ञापन बैठक में पहुंचे जिला कलेक्टर को सौंपा है। ग्रामीणों ने ज्ञापन देते वक्त अपनी परेशानी बताते हुए पुलिस पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। समस्या बताते हुए एक महिला के आसूं भी छलक पड़े, जिस पर कलेक्टर ने ग्रामीणों को समझाइश दी है, और उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है। ग्रामीणों ने नाच गा कर अपनी व्यथा गीत के माध्यम से रखने की कोशिश की हैं।
कलेक्टर के आश्वासन के बाद ग्रामीण वापस लौट गए हैं।