रायपुर. छत्तीसगढ़ में चल रही ईडी की कार्रवाई को लेकर एक बार फिर कांग्रेस और बीजेपी आमने सामने है। दोनों अपने अपने तर्क दे रहे हैं। इधर बीजेपी कह रही है कि ईडी ने राज्य सरकार को पत्र लिखा है और पत्र लिख उन लोगो पर कार्यवाही करने की बात कही है जिनके यहां छापेमारी कार्रवाई हुई है वही कांग्रेस ने शुरू से ईडी की कार्रवाई को राजनीति से जोड़ा है और कांग्रेस का कहना है कि सिर्फ कांग्रेस शासित राज्यों में ही ईडी के छापे पड़ रही है, ऐसे राज्यों में सरकार को हिलाने का प्रयास किया जा रहा है। पढ़िए ये पूरी रिपोर्ट
कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा और प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने आज बैठक ली। कांग्रेस के राजीव भवन में आयोजित बैठक में आयोग, निगम, मंडल-बोर्ड के पदाधिकारी शामिल हुए।
बैठक के बाद कुमारी शैलजा का बयान
बैठक को लेकर प्रभारी सैलजा ने कहा हमारी सबकी तैयारी है की आगे कैसे बढ़ना है। देश की परिस्थिति है, उसके हिसाब से कैसे आगे बढ़ना है, अपने आपको जोड़कर कैसे आगे बढ़ना है, कांग्रेस को कैसे आगे बढ़ाना है, उस पर चर्चा हुई। राहुल की सदस्यता जिस प्रकार ख़ारिज किया गया। देश के लोकतंत्र को किस तरह से ख़तरा है, उस पर चर्चा हुई। बूथ स्तर और मोहल्ले स्तर पर इन मुद्दों को जनता के बीच ले जाना है। रायपुर के बाद बिलासपुर के मशाल जुलूस में शामिल होने जा रही हूं।
ED की कार्यवाही पर शैलजा ने कहा
किसके ऊपर छापे पढ़ रहे है, टारगेट किया जा रहा है।राजनीतिक विरोधियों के ऊपर कार्यवाही हो रही है। भाजपा शासित लोगों पर कार्यवाही नहीं होती। जो भाजपा जॉइन करता है वो दूध का धुला हो जाता है।
वही, छत्तीसगढ़ में चल रही ईडी की कार्रवाई को लेकर प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव का बयान भी सामने आया है। प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा – ईडी ने जो गिरफ्तारी की उन्हें कोर्ट से जमानत नही मिली है, जो गिरफ्तारी हुई है उसमें राजनीतिक दल का पदाधिकारी नही है, ईडी ने राज्य सरकार को पत्र लिखा है, पत्र में बताया हैं कि ये तथ्य इन अधिकारियों के खिलाफ आये हैं। ईडी ने राज्य सरकार को विस्तार से लिखा और आग्रह किया है कि उन अधिकारियों के खलाफ कार्यवाही करे। भूपेश बघेल भरोसे की बात करते हैं लेकिन राज्य सरकार ने ही भरोसे का कत्ल भी किया।
ईडी ने पत्र लिख कर राज्य सरकार से आग्रह किया हैं कि, कार्यवाही करें। सरकार को स्प्ष्ट करना चाहिये कि वो कार्रवाई कब कर रहै है? राज्य सरकार आरोप लगाते है कि ये कार्रवाई गलत हैं। लेकिन अब तक राजनीतिक नेताओ पर ईडी की कार्यवाही कम हुई है। ईडी ने UPA के कार्यकाल, में 5000 करोड़ जप्त किये। NDA के शासन में 1 लाख 10 हजार करोड़ की जप्ती ईडी ने बनाई है। इसमें 2.98 % राजनीति से जुड़े हुए हैं। आकड़ो से स्प्ष्ट है कि ईडी की कार्रवाई राजनीतिक आधार नही है। साव ने ये बात प्रेस वार्ता करके कही ।