स्वच्छ भारत के PM मोदी के सपने पर लगा पलीता..कबाड़ में तब्दील हो गये रिक्शे..CEO की दो टूक..महिलाएं नही ले रही रुचि!..

बलरामपुर-रामानुजगंज..(कृष्णमोहन कुमार)…देश मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अगुवाई में बड़े ही तामझाम के साथ स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की गई थी..स्वच्छ भारत मिशन के तहत ही देशभर में एक क्रांतिकारी परिवर्तन के तर्ज पर शौचालय बनाये गये थे..इसके साथ ही स्वच्छता के प्रति लोगो को जागरूक करने मुहिम छेड़ी गई थी.. और इस मिशन के तहत ही शहरों व गाँवो में कचरा संकलन के कार्य मे महिला समूह की महिलाओं को लगाया गया था..तथा उन्हें कचरा कलेक्शन के लिये रिक्शा भी दिया गया था..लेकिन खटराल अधिकारियों ने प्रधानमंत्री मोदी के सपने पर ही पलीता लगा दिया.. अब कचरा कलेक्शन के लिये खरीदे गये सैकड़ो रिक्शे पड़े-पड़े कबाड़ में तब्दील हो रहे है..वही जिम्मेदार अधिकारी बचते बचाते नजर आ रहे है!..

Random Image

बता दे कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहरों के तर्ज पर ग्रामीण क्षेत्रो को भी स्वच्छ रखने साल भर पहले राजपुर जनपद पंचायत के करीब दर्जनों ग्राम पंचायतों को चिन्हाकित कर एक लाख रुपये की लागत से दो-दो रिक्शा कचरा कलेक्शन के लिये खरीदा गया था..यही नही कचरा डंपिंग करने मनरेगा से लगभग 5 से 6 लाख की लागत से डंपिंग यार्ड बनाया गया था..और स्वच्छता के साथ ही महिला समूह की महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कचरा कलेक्शन से डंपिंग तक के गतिविधियो से जोड़ा गया था..लेकिन अब हालात यह है कि रिक्शे सरपंचों के घर की शोभा बढ़ा रहे है..और पड़े -पड़े कबाड़ में तब्दील हो रहे है..डंपिंग यार्ड भी अनुपयोगी साबित हो रहे है..और कुल मिलाकर जिस उद्देश्य की पूर्ति के लिए इतना तामझाम किया गया वह महज एक दिखावा ही साबित हो रहा है!..

कचरा कलेक्शन के लिये खरीदे गए रिक्शे को लेकर ग्राम पंचायत बघिमा व ककना के सरपंचों का कहना है कि उन्होंने रिक्शे तो हैंडओव्हर लिए थे..लेकिन उन्हें यह ही नही पता कि इन रिक्शो का उपयोग कौन और कैसे करेगा..जबकि ग्राम बरियो में ये रिक्शे लावारिस हालत में पड़े हुए है!..

आखिर क्यों महिला समूहो के सामने सरेंडर है..CEO

इधर इस मसले पर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विनोद जायसवाल का कहना है कि कचरा कलेक्शन के लिए रिक्शे खरीदे गये है..लेकिन कचरा कलेक्शन के काम मे महिला समूह की महिलाएं दिलचस्पी नही दिखा रही है..