सरगुजा को कुपोषण मुक्त करने आंबा हुई तैयार

सरगुजा को कुपोषण मुक्त करने आंबा हुई तैयार
एनआरसी मे दिया गया प्रशिक्षण, 38 कार्यकर्ता हुई शामिल

अम्बिकापुर

सरगुजा जैसे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में कुपोषण के नाम का दंश पूरी तरह से समाप्त करने शासन-प्रशासन की ओर से की जा रही विभिन्न कवायदों के बाद भी सरगुजा में कुपोषित बच्चों के आंकड़ों में कोई कर्मी नहीं आ सकी है। कुपोषित बच्चों को पोषण आहार के जरिये स्वास्थ्य तो किया गया। परंतु उसकी जड़ तक नहीं पहुंच सके। अब प्रशासन व महिला बाल विकास की पहल ने आंगन बाड़ी केन्द्रों को कुपोषण की जड़ को समाप्त करने  का केन्द्र बनाये जाने का फैसला लिया है। आज इसी के तहत सरगुजा के 38 आंगन बाड़ी केन्द्र की कार्यकर्ता व सहायिकाओं को पूरक पोषण आहार केन्द्र में कुपोषित बच्चों की पहचान करने व कुपोषण का स्तर जान कर उसे वहीं पर पोषण आहार के जरिये स्वास्थ्य करने व एनआरसी तक लाये जाने की नौबत नहीं आने की जानकारियां दी गई। प्रशिक्षण के दौरान उपस्थित कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को एनआरसी की डाईटिशियन किरण वर्मा व वहां की स्टाफ नर्स मीनू विश्वकर्मा ने कहा कि कुपोषण को जड़ से हटाना ही आप सभी का पहला ध्येय होना चाहिए।

एनआरसी तक पहुंचने से पहले ही मध्यम कुपोषित बच्चो को आंगन बाड़ी मे ही रूटिन पोषण आहार देकर स्वास्थ्य कर देना चाहिए। गंभीर कुपोषित बच्चो को जरूरत पड़ने पर एनआरसी तक पहुंचायें। बच्चों की स्थिति देखकर उसकी अवस्था का अवलोन करे। आप के द्वारा दिये गये भोजन से किस प्रकार से बच्चों के स्वास्थ्य में परिवर्तन आता है, उसे भी  नोट करते रहे। एनआरसी के द्वारा किये जा रहे कार्यो की जानकारी देते हुये आंगन बाड़ी की कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं से कुपोषण होने के कारण को भी पूछा गया। सभी ने अपने-अपने स्तर पर उसका जवाब दिया। एनआरसी स्टाफ द्वारा उन्हे सही जानकारी देते हुये उनकी जड़ तक पहुंचने का रास्ता बताया गया । एनआरसी स्टाफ का कहना था कि अगर मां स्वास्थ्य होगी तो बच्चा भी स्वास्थ्य होगां। आप सभी को गर्भवती माताओं व बहनों की स्थिति का पतालगाकर उन्हे पोष्टिक आहार का सेवन करने की जानकारी देनी होगी। तब जाकर हम कुपोषित बच्चों के बढ़ते आकड़ों पर कुछ विराम लगा सकेंगे।
उद्देश्य सार्थक हो तो परिणाम अच्छे
महिला बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी चन्द्रबेस सिंह सिसोदिया ने कहा कि जिस प्रकार से एनआरसी में बच्चों को रखकर उनका उपचार किया जाता है। उसी प्रकार अगर आंगन बाड़ी केन्द्रों में कुपोषित बच्चों की देखभाल होगी तो बच्चों को एनआरसी तक नहीं पहुंचना पडे़गा। हमारा उद्देश्य सरगुजा से कुपोषण खत्म करना है। आंगन बाड़ी के जरिये कुपोषित बच्चों की सही देखभाल हमारा उद्देश्य है। इसी को ध्यान में रखकर उन्हे एनआरसी की जानकारी लेने कहा गया था। अगर हमारा उद्देश्य सार्थक होता है तो कुपोषण को लेकर सरगुजा में अच्छे परिणाम सामने देखने को मिलेंगे।