रायपुर. आरक्षण पर तकरार बढ़ता ही जा रहा है. आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ी बात कह दी. उन्होंने कहा कि वे छत्तीसगढ़ की पौने 3 करोड़ जनता के हित को ध्यान में रखकर राज्यपाल के सवालों का जवाब दिया हैं, ताकि उनका ईगो सेटिस्फाइड हो जाए. लेकिन फिर भी राज्यपाल हस्ताक्षर नही कर रही.
आरक्षण संशोधन विधेयक पर सीएम भूपेश ने कहा कि विधानसभा से राज्यपाल का विधिक सलाहकार बड़ा हो गया है. राज्यपाल लगातार हस्ताक्षर नहीं करने का बहाना ढूंढ रही है. जिस प्रकार से वैधानिक संस्थाओं को कमजोर और नीचा दिखाने की कोशिश की जा रही है. इसका यह जीता जागता उदाहरण है. प्रदेश की पौने तीन करोड़ जनता के हितों का ध्यान रखते हुए मैंने राज्यपाल का ईगो satisfied हो जाए, इसलिए उनके सवालों का जवाब दिया गया. सारे अधिकारी इसके विरोध में थे. क्योंकि संविधान में ऐसी व्यवस्था नहीं है. अब राज्यपाल कहती है परीक्षण कराऊंगी, विधिक सलाहकार को खोजना पड़ेगा. जो विधानसभा से बड़ा हो गया. हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट परीक्षण करते हैं. विधिक सलाहकार परीक्षण करेंगे, यह बेहद दुर्भाग्य है. इसके विरोध में कांग्रेस 3 जनवरी को महारैली करेगी.
बता दें कि, इस पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का भी बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि राजभवन को दबाव डालने की जरूरत नही हैं. राज्यपाल सरकार के जवाब का अध्ययन करने के बाद ही कोई सवैंधानिक कदम उठा पाएंगी.