राजधानी रायपुर में आयोजित गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में राज्यपाल ने किया ध्वजारोहण

रायपुर

छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन ने आज यहां राजधानी रायपुर में पुलिस परेड ग्राउंड में आयोजित 67वें गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में झंडारोहण किया, परेड का निरीक्षण किया, सलामी ली और जनता को संबोधित किया। देश भक्तिपूर्ण वातावरण में आयोजित समारोह के दौरान सशस्त्र बलों के जवानों ने हर्ष फायर किया। इस अवसर पर रंग-बिरंगे गुब्बारे छोड़े गये। मुख्य समारोह में प्रथम महिला श्रीमती बृजपाल टंडन, मुख्य सचिव श्री विवेक ढ़ांड, पुलिस महानिदेशक श्री ए.एन. उपाध्याय, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री संजय पिल्ले सहित अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
राज्यपाल श्री टंडन ने अपने संबोधन में देश एवं छत्तीसगढ़ प्रदेश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान को याद करते हुए, देश की सीमा की रक्षा करने वाले जवानों, देशवासियों सहित प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई दी। उन्होंने नौजवानों का आह्वान करते हुए कहा है कि देश की आजादी अमूल्य है और इसे कायम रखने के लिए सभी का विशेषकर नौजवानों का जागरूक रहना आवश्यक है। उन्होेंने नौजवानों से एक निश्चित ध्येय लेकर चलने का आह््वान किया, ताकि छत्तीसगढ़ सभी क्षेत्रों में तरक्की कर सके और उसे सर्वत्र साधुवाद मिले। हमारे नौजवान यह संकल्प लें कि हम देश को कभी गुलाम नहीं होने देगें। उन्होंने कहा कि सतत् जागरूकता ही स्वतंत्रता का आधार होता है। सभी नागरिकों को अपनी जिम्मेदारी अच्छी तरह से निभानी चाहिए और सतत जागरूक रहना चाहिए। हमारी आजादी अक्षुण्ण बनी रहे और गणतंत्र हमेशा कायम रहे। यह भावना हर भारतीय के हृदय में बनी रहे।
राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि स्वाधीनता मिलने के बाद, देश के शासन संचालन के लिए संविधान का निर्माण आवश्यक था। इसकी तैयारी वर्ष 1947 के पूर्व ही संविधान निर्मात्री सभा (Constituent Assembly) ने प्रारंभ कर दी थी। उन्होंने संविधान निर्माता विभूतियों विशेषकर डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का सादर स्मरण किया।
उन्होंने कहा कि आज से 66 वर्ष पूर्व, 26 जनवरी 1950 को भारत का अपना संविधान लागू हुआ, जिससे भारतवर्ष दुनिया का विशालतम गणतंत्र बना। हमारा संविधान एक जीवंत दस्तावेज है, जिसमें करोड़ों भारतवासियों की आकांक्षाएं एवं विश्वास समाहित है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश को इस साल पर्याप्त वर्षा नहीं होेने के कारण सूखे की स्थिति का सामना करना पड़ा है। राज्य की 80 प्रतिशत तहसीलों में सूखे के हालात बने। राज्य शासन द्वारा किसानों को राहत देने के हरसंभव उपाय किए जा रहे हैं, जिनमें आर्थिक अनुदान उपलब्ध कराना, ऋण माफी, निःशुल्क विद्युत प्रदाय करना आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं।
श्री टंडन ने कहा कि हमारे लिए यह अत्यंत गर्व का विषय है कि विश्व बैंक द्वारा कराए गए सर्वे के अनुसार छत्तीसगढ़ को ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ में देश में चौथा स्थान मिला है। श्रम कानून और सुधारों के क्षेत्र में राज्य, पूरे देश में द्वितीय स्थान पर रहा है। यह राज्य में बन रहे उत्साहजनक वातावरण और निवेश के बड़े अवसरों का शुभ संकेत है।
श्री टंडन ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को साधुवाद देते हुए कहा कि उन्होंने ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ लागू करने की घोषणा की है जो प्रशंसनीय है। देश के इतिहास में पहली बार सबसे कम प्रीमियम पर, सबसे ज्यादा सुरक्षा और लाभ देने वाली इस योजना से हमारे प्रदेश के किसान भी लाभान्वित होंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य में शासन, जनप्रतिनिधियों और समुदाय के सहयोग से हम ‘स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत’ की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। शासन के प्रयासों से हमारी बहू-बेटियों को खुले में शौच से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश के 12 सौ से अधिक गांव खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं। वहीं लगभग 5 हजार गांवों को इस वर्ष खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य पूरा किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, श्रमिकों सहित सभी कमजोर तबकों के विकास की ओर प्राथमिकता से ध्यान दिया जा रहा है। विशेष पिछड़ी जनजातियों के समेकित विकास हेतु विशेष कार्यक्रम शुरू किया गया है, जिस पर दो वर्षों की निर्धारित समय-सीमा में अमल किया जाएगा।
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। रायपुर मेें सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल एवं संस्थान की स्थापना, दाऊ कल्याण सिंह चिकित्सालय भवन में की जा रही है। ‘चिरायु अभियान’ के अन्तर्गत 78 लाख बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है। महिलाओं और बच्चों की बेहतर देखरेख और पोषण पर विशेष ध्यान देने के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। राज्य के नौनिहालों को स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी हम सबकी है। कुपोषण की रोकथाम करने में हमें मिलकर प्रयास करना होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा में गुणवत्ता और रोजगारपरकता पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। विगत एक वर्ष में रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, कांकेर एवं जगदलपुर में शासकीय आवासीय आदर्श महाविद्यालय प्रारम्भ किए गए हैं। शासकीय महाविद्यालयों में बायो-टेक्नालॉजी, माइक्रो-बायोलॉजी, बायो-केमेस्ट्री, फारेस्ट्री, कम्प्यूटर साइंस, सूचना प्रौद्योगिकी जैसे रोजगारपरक पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। नया रायपुर में ट्रिपल-आईटी प्रारम्भ हो गया है। आई.आई.टी., भिलाई में स्थापित करने के निर्णय से, राज्य के युवाओं को गुणवत्तायुक्त उच्च शिक्षा हासिल होगी। कौशल उन्नयन के लिए सभी विकासखण्डों में कम से कम एक आई.टी.आई. खोलने का लक्ष्य है, अतः शेष 15 विकासखण्डों में भी आई.टी.आई. खोली जाएंगी।
राज्यपाल ने कहा कि नया रायपुर को देश का सर्वप्रथम स्मार्ट शहर बनाने से, प्रदेश में नगरीय विकास और आवासीय गतिविधियों के नए मापदण्ड स्थापित हुए हैं। विभिन्न शहरों में नियोजित विकास, सार्वजनिक परिवहन एवं सार्वजनिक जनसुविधाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे पूरे प्रदेश में नगरीय विकास की नई चमक दिख रही है। बस्तर तथा सरगुजा संभाग जैसे आदिवासी बहुल अंचलों में नई रेलवे लाइनों के माध्यम से विकास के नए युग का सूत्रपात होगा।
श्री टंडन ने कहा कि केर्न्दीय एवं राज्य के सुरक्षा बलों, पुलिस के साथ-साथ स्थानीय नागरिकों के समन्वित सहयोग से हमारे प्रदेश से नक्सलवाद का ग्रहण जल्द ही हटेगा और बस्तर में समग्र विकास का सूरज चमकेगा। उन्होेंने नागरिकों से प्रदेश में शांति, समरसता और सामाजिक सौहार्द्र के लिए एकजुट रहने का संकल्प लेेने का आह््वान किया ताकि प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो सके।