छत्तीसगढ में बिलासपुर जिले के जर्जर सरकारी भवनों की मरम्मत की तैयारी शुरू कर दी गई है। जिला शिक्षा अधिकारी डीके कौशिक ने स्कूलों की सूची बनाने के लिए कमेटी बनाई है। कमेटी के सदस्य स्कूल भवनों की जांच करेगी। इसके बाद मरम्मत शुरू की जाएगी। वर्तमान में सभी स्कूलों में कक्षाएं चल रही हैं। बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। इसलिए बिना किसी व्यवधान के काम कराया जाएगा। हाल ही में राज्य शासन ने कलेक्टर को पत्र लिखकर जर्जर स्कूल भवनों की सूची बनाकर मरम्मत शुरू करवाने के निर्देश दिए थे।
पहली सूची में प्रथम प्राथमिकता वाले स्कूल और दूसरी सूची में द्वितीय प्राथमिकता वाले स्कूल होंगी। बिना देर किए मरम्मत का काम जल्द शुरू करने के लिए कहा गया है। जिले के विकासखंड मस्तूरी, बिल्हा, कोटा और तखतपुर के करीब 288 सरकारी स्कूल भवन जर्जर हो चुके हैं। इसके अलावा वर्षा के मौसम में जिले में लगातार पानी गिरने के कारण कई स्कूलों में पानी भर गया था। इस वजह से भी भवनों की स्थिति खराब हुई। इससे शैक्षणिक कार्यों में असर पड़ रहा है। जर्जर भवन की समस्या को गंभीरता से लेते हुए राज्य शासन ने भवनों की मरम्मत करने के निर्देश दिए हैं।
वर्षा ऋतु समाप्त होते ही शालाओं की मरम्मत का कार्य प्रारंभ किया जाएगा। आदेश में कहा गया है कि जीर्णोद्धार योग्य शासकीय शाला भवनों का चिन्हांकन कर उनका प्राक्कलन तैयार करें। इसके लिए दो प्रकार की सूची तैयार की जाए। प्रथम सूची में सर्वोधा प्राथमिकता वाली शालाएं होंगी। इनका चयन शाला भवन की स्थिति व शाला संचालन के उपलब्ध वैकल्पिक स्थल को ध्यान में रखते हुए किया जाए। प्रथम प्राथमिकता वाली शालाओं में जिला स्तर परउपलब्ध डीएमएफ या अन्य मद से कार्य स्वीकृत करने का प्रयास करें। दूसरी सूची में द्वितीय प्राथमिकता वाली शालाएं होंगी, जो प्रथम सूची में नहीं हैं।