रायपुर। राज्य सरकार ने अभिभावकों को फीस के बोझ से बचाने के लिए दो साल पहले निजी स्कूल फीस विनिमयन-2020 पारित किया है। इसके अनुसार, फीस बढ़ाने के लिए नियम बनाए गए हैं मगर इन नियमों की निजी स्कूल लगातार धज्जियां उड़ा रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से की जा रही जांच में ज्यादातर निजी स्कूलों में खामियां उजागर हो रही हैं। लगातार चौथे दिन हुई कार्रवाई में छह में से चार स्कूलों में खामियां मिली।
शिक्षा विभाग की टीम ने होलीक्रास स्कूल, शैलेन्द्र नगर पहुंची। यहां स्कूल प्रबंधकों ने निरीक्षण दल को कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया। यहां कक्षा नर्सरी और कक्षा 11वीं, कक्षा 12वीं में आठ प्रतिशत से अधिक शुल्क वृद्धि की गई है। फीस वृद्धि में नोडल प्राचार्य का अनुमोदन नहीं कराया गया है और प्राचार्य द्वारा मान्यता संबंधी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया। गौरतलब है कि अब तक रायपुर के 38 स्कूलों में छापामार कार्रवाई हो चुकी है। इनमें से 21 स्कूलों को नोटिस देकर जवाब मांगा जा चुका है।
शंकरा उ.मा. शाला उरकुरा, रायपुर में बच्चों की दर्ज संख्या की तुलना में अधिक पाई गई । इस तरह आडियल पब्लिक स्कूल, उरकुरा में लैब नहीं है तथा स्कूल में कक्ष की कमी पाई गई। उन्हें तत्काल नोटिस देते हुए समस्त दस्तावेज के साथ कार्यालय में उपस्थित होने के निर्देश दिया गया है। संबंधित शासकीय विद्यालय के नोडल अधिकारी को भी नोटिस जारी किया जा रहा है। गौरतलब है कि जिला कलेक्टर सौरभ कुमार के सख्त निर्देश के बाद जिला शिक्षा अधिकारी एएन बंजारा की ओर से गठित जांच दल लगातार स्कूलों में दबिश दे जांच कर कर रही है।
लगातार कार्रवाई के विरोध मेें निजी स्कूल प्रबंधन के अधिकारी मंगलवार को डीईओ कार्यालय घेरने पहुंचे। छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने कहा कि जिस पोर्टल पर स्कूलों को अपनी फीस की जानकारी देनी होती है, वो अपडेट ही नहीं है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जांच कमेटियां स्कूल प्रबंधनों को धमका रही है। उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों ने अपनी फीस आठ प्रतिशत से अधिक बढ़ाई है, उन पर कार्रवाई की जाने चाहिए। साथ ही फीस निर्धारण के लिए कलेक्टर द्वारा नामित नोडल अधिकारी से भी प्रश्न पूछना चाहिए कि उन्होंने क्या किया?
इस मामले में रायपुर डीईओ एएन बंजारा ने कहा, निजी स्कूल प्रबंधकों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है। उनसे फीस का ब्यौरा लिया जा रहा है। अभिभावकों को अधिक फीस का बोझ देने वाले स्कूल प्रबंधकों पर निगरानी के लिए जांच जारी रहेगी।