सब्जी के उत्पादन में कम मुनाफा से किसान परेशान
फूलो के उत्पादन को किसानो नें बनाया अजीविका का साधन
सूरजपुर
जिले के सब्जी उत्पादक क्षेत्र रविन्द्रनगर ,सिलफीली समेत दर्जन भर गांव अब तक व्यापक पैमाने में सब्जी उत्पादन के लिए चर्चित थे। लेकिन सब्जी के गिरते भाव के साथ ही किसानो को फूल की खुशबू नें अपनी ओर आकर्षित कर लिया है। किसानो का मानना है कि क्षेत्र में सब्जी के अधिक उत्पादन से मण्डी में सब्जी के दामो में गिरावट आती जा रही है। जिससे आमदनी कम कम हो रही है… लिहाजा फूल की खेती से किसान अपनी आमदनी बढाने का नया तरीका अपना रहे है।
सूरजपुर के रविन्द्रनगर सीलफिली के किसान जहां पूरे साल सब्जी कि खेती में लगे रहते है और वही उनकी अजीविका का साधन है। लेकिन बीते कुछ सालो में सब्जी कि पैदावार ज्यादा होने से सब्जीयो के दामो में गिरावट आने लगी है। जिससे छोटे किसानो के सामने आर्थिक संकट आने लगा । इसको देखते हुए सब्जी उत्पादक क्षेत्र के कुछ किसानो ने फूलो कि खेती करने का फैसला लिया है। गौरतलब है कि अब तक पूरे सरगुजा संभाग में कलकत्ता से फूलो को मंगाया जाता था । वही छोटे किसानो ने कुछ एकङ जमीन मे गेंदा फुल के विभिन्न प्रकारो के साथ ग्लैडियस जैसे फुलो कि खेती कि शुरुआत की है। जिससे शुरुआती दौर में ही राज्य के अन्य हिस्सो के साथ अन्य पडोसी राज्यो में भी रविन्द्रनगर के फूलो कि मांग बढने लगी है। इसके साथ ही किसानो की आमदनी भी बढने लगी है। वही किसानो का मानना है की कुछ किसान अगर फूलो कि खेती करेंगे तो जहां फुलो से मुनाफा होने के साथ सब्जियो के दाम भी सही मिलने लगेंगे ।
मदनपुर के किसान गोविंद बताते है कि पिछले 8 साल पहले वे सब्जी की खेती करते थे , लेकिन सब्जीयो के लिए कभी मौसम का मार तो कभी ज्यादा पैदावार से सब्जीयो के दाम गिर जा रहे है। और परिवार के सामने भरण पोषण का भी दिक्कत आ रही है। जिस कारण कलकत्ता से फूलो कि खेती का तरीका देख अपने खेतो में फूलो कि खेती कि शुरुआत की है। जिसमें उद्यान विभाग का सहायोग मिला और फूलों कि खेती से सलाना लाखो रु का मुनाफा होने लगा । और अपेक्षित आमदनी के साथ सब किसानो का जीवन स्तर भी उंचा उठने लगा है।
सब्जियो के खेती वाले क्षेत्र मे छोटे किसान नें फूलो कि खेती कर अच्छी आमदनी के नए तरीके की शुरुआत की है। जिससे काफी कम समय में कलकत्ता से संभाग के विभिन्न शहरो में आने वाले फूलो कि जगह अब सूरजपुर के फुलो ने ली है । मतलब कह सकते है कि सब्जी खिलाने वाले किसानो को अब फूलो की खुशबू नें अपनी ओर आकर्षित कर लिया है।