नई दिल्ली. दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार तेजी आ रही है. ब्रिटेन जैसे कुछ देशों में तो कोरोना के नए केस रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं. इस बीच भारत में भी कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के नए मामलों में इजाफा हो रहा है, जिससे चिंता की स्थित बनी हुई है. भारत में विशेषज्ञ कोरोना की तीसरी लहर को लेकर भी अनुमान लगा रहे हैं. कानपुर स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) के शोधकर्ताओं ने भी इस संबंध में एक अध्ययन किया है. इसमें उन्होंने दावा किया है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण देश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर आ सकती है. उनका यह भी दावा है कि 3 फरवरी तक देश में यह चरम पर हो सकती है.
आईआईटी के शोधकर्ताओं की टीम ने भारत में कोविड की तीसरी लहर के अनुमान की गणना गॉजियन मिक्सर मॉडल नामक स्टैटिसटिकल टूल के जरिये की है. ऑनलाइन प्रीप्रिंट सर्वर MedRxiv में प्रकाशित इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में कोरोना के जारी ट्रेंड को देखते हुए इस मॉडल के जरिये भारत में दिसंबर के मध्य से कोरोना की तीसरी लहर शुरू होने की आशंका जताई गई है. साथ ही फरवरी की शुरुआत में यह चरम पर हो सकती है.
शोधकर्ताओं ने भारत में कोरोना वायरस की पहली और दूसरी लहर के डेटा और अन्य देशों में मौजूदा ओमिक्रॉन के मामलों की स्थिति की गणना करके भारत में संभावित तीसरी लहर का अनुमान लगाया है. इससे पहले दिसंबर की शुरुआत में भी आईआईटी वैज्ञानिक की ओर से फरवरी में कोरोना की तीसरी लहर आने का अनुमान लगाया गया था.
कोविड-19 के गणितीय अनुमान में शामिल भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के वैज्ञानिक मनिंद्र अग्रवाल ने दिसंबर की शुरुआत में कहा था कि ओमिक्रॉन के करण कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर फरवरी में चरम पर पहुंच सकती है, जब देश में प्रतिदिन एक लाख से डेढ़ लाख तक मामले सामने आने की संभावना है.
उन्होंने कहा था कि नए वेरिएंट के साथ हमारा मौजूदा अनुमान यह है कि देश में फरवरी तक तीसरी लहर आ सकती है लेकिन यह दूसरी लहर से हल्की होगी. अब तक हमने देखा है कि ओमीक्रोन से होने वाले संक्रमण की गंभीरता डेल्टा वेरिएंट की तरह नहीं है.