देश में आकर रहेगी कोरोना की तीसरी लहर! ओमिक्रांन की दहशत के बीच विदेश से लौटे 100 यात्री लापता

कोविड-19 के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का खौफ अभी खत्म नहीं हुआ है। आशंका मंडराने लगी है कि क्या अब कोरोना की तीसरी लहर आने वाली है। इस बीच एक बड़ी चिंता की बात यह है कि पिछले कुछ दिनों के दौरान विदेश से महाराष्ट्र पहुंचे करीब 100 यात्री गायब हो गए हैं। इन यात्रियों के बारे में कुछ भी पता नहीं चल पा रहा है। कल्याण डोम्बिवली म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन के प्रमुख विजय सूर्यवंशी ने कहा कि विदेश से ठाणे जिले में आए 295 विदेशी यात्रियों में से 109 यात्रियों का कुछ भी पता नहीं चल पा रहा है। उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ यात्रियों का मोबाइल फोन स्विच ऑफ है। इसके अलावा कई यात्रियों ने जो पता दिया था उसे पते पर ताला लटका हुआ है। 

विजय सूर्यवंशी ने बताया कि खतरे वाले देशों से यात्रा कर आने वाले लोगों को 7 दिन के होम क्वारन्टीन में रहना जरुरी है। 8वें दिन उनका कोविड-19 टेस्ट किया जाता है। अगर यह रिपोर्ट निगेटिव आता है तो भी इन्हें 7 दिनों के होम क्वारन्टाइन में रहना होता है। हाउसिंह सोसायटी सदस्यों की जिम्मेदारी है कि कोरोना से जुड़े इन नियमों का उल्लंघन ना हो इसके लिए वो तत्पर रहें। 

देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट के पांव पसारने से खतरा और बढ़ गया है। सोमवार को भारत में ओमिक्रॉन संक्रमित लोगों की संख्या 23 हो गई। महाराष्ट्र के मुंबई में 2 लोगों के संक्रमित मिलने के बाद यह आंकड़ा एक दर्जन के समीप पहुंच चुका है। बीएमसी की तरफ से जानकारी दी गई है कि 1 नवंबर से अंतरराष्ट्रीय यात्रियों का कोविड-19 टेस्ट किया जा रहा है। इनमें से 16 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें से 12 पुरूष और अन्य 4 महिलाएं हैं। यह भी जानकारी दी गई है कि 5 दिसंबर तक 4,480 यात्री खतरे वाले देशों से यात्रा कर मुंबई लौटे हैं। मुंबई से पहले पुणे जिले के पिंपरी चिंचवाड में छह लोग ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित मिले। इनमें से तीन नाइजीरियाई नागरिक हैं। 

इन राज्यों में ओमिक्रॉन से संक्रमित लोग मिले

महाराष्ट्र के अलावा तीन और राज्य भी हैं जहां ओमिक्रॉन के केस मिले हैं। इनमें राजस्थान में 9, कर्नाटक में 2 और गुजरात में 2 संक्रमित की पहचान हुई है। इसके अलावा दिल्ली में भी एक संक्रमित की पहचान की गई है। बता दें कि ओमिक्रॉन वैरिएंट की सबसे पहले पहचान साउथ अफ्रीका में की गई थी। वैज्ञानिकों ने माना है कि यह वैरिेएंट अब तक मिले सभी वैरिएंट से ज्यादा तेजी से फैलने में सक्षम है।

तीसरी लहर पर क्या बोले वैज्ञानिक

सार्स-कोवी-2 के नये स्वरूप ओमीक्रोन से कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर फरवरी में चरम पर पहुंच सकती है, जब देश में प्रतिदिन एक लाख से डेढ़ लाख तक मामले सामने आने की संभावना है। कोविड-19 के गणितीय अनुमान में शामिल भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के वैज्ञानिक मनिंद्र अग्रवाल ने यह कहा है।  उन्होंने कहा कि नये अनुमान में, ओमीक्रोन स्वरूप को एक कारक के तौर पर शामिल किया गया है।
     
अग्रवाल ने पीटीआई-भाषा से कहा, ”नये स्वरूप के साथ, हमारा मौजूदा अनुमान यह है कि देश में फरवरी तक तीसरी लहर आ सकती है लेकिन यह दूसरी लहर से हल्की होगी। अब तक हमने देखा है कि ओमीक्रोन से होने वाले संक्रमण की गंभीरता डेल्टा स्वरूप की तरह नहीं है। ”

हालांकि, उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में सामने आए मामलों पर करीबी नजर रखी जा रही है, जहां इस नये स्वरूप के कई मामले सामने आए हैं। अग्रवाल ने कहा कि फिलहाल दक्षिण अफ्रीका में संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती होने की दर में वृद्धि नहीं दिखी है। उन्होंने कहा कि वायरस और अस्पताल में भर्ती होने की दर पर नये आंकड़ों से स्थिति की कहीं अधिक स्पष्ट तस्वीर मिलेगी।
     
अग्रवाल ने कहा, ”ऐसा लगता है कि नये स्वरूप ने अधिक संक्रामकता प्रदर्शित की है लेकिन इसकी गंभीरता डेल्टा स्वरूप जैसी नहीं दिखी है।” उन्होंने कहा कि डेल्टा स्वरूप के प्रसार के दौरान जैसा पाया गया था, हल्की पाबंदी वाला लॉकडाउन (रात का कर्फ्यू, भीड़ पर प्रतिबंध) संक्रमण के प्रसार में कमी ला सकता है और इससे मामलों की संख्या कम रह सकती है। 
     
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग समर्थित सूत्र मॉडल ने इससे पूर्व बताया था कि यदि डेल्टा से अधिक संक्रामक नया स्वरूप उत्पन्न होता है तो अक्टूबर तक देश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर देश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर आ सकती है।  हालांकि, नवंबर के अंत तक नया स्वरूप नहीं आया था। तब इसने अनुमान संशोधित किया था।