- साहब.. हमे भी चाहिए रोजगार की गारण्टी
- बचपन से लेकर बुढापे तक नही बदली स्थिती, कागजों तक सिमित हुई योजनाएं
- 15 अगस्त एवं 26 जनवरी को आते है शिक्षक,
- चार साल से नही मिला रोजगार, न इंदिरा आवास , न के सी सी
- राशन लेने 30 किलोमीटर एवं गेहूं पिसाने 15 किलोमीटर का सफर
- कछुवाखोह वासीयों के दर्द की कहानी से लबरेज ये खास रिपोर्ट
कोरिया (सोनहत से राजन पाण्डेय की रिपोर्ट)
छत्तीसगढ राज्य सीमा पर स्थित सोनहत विकासखंड और कोरिया जिले के सबसे बिहड़ ग्राम कछुवा खोह में सरकारी योजनाओं ने दम तोड़ दिया है आलम है की ग्रामीण सड़क बिजली पानी के अलावा शिक्षा स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मोहताज यंहा के लोग नियती को कोसने लगे है। कछुवाखाह के ग्रामीण चंद्र देव इंद्र देव गंभीर सिह महिपाल अर्जुन सिह रामप्रताप ने जानकारी देते हुए बताया की यहां के लोगों को कलेक्टर कोरिया के आनंदपुर दसेर गोयनी एवं धनपुर जैसे क्षेत्रों में आने की खबर मिली तो उन्हे काफी प्रसन्नता हुई की शायद इस बार कछुवाखोह ग्राम का भी कुछ उद्धार हो सकेगा लेकिन इस बार भी उनके उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है रोजगार के आभाव में ग्राम जनों का बुराहाल है ग्राम जनों का कहना है की आखिर प्रशासन हमारी सुध कब लेगा । ग्रामीणों ने बताया की क्षेत्र में सड़क अत्यंत जर्जर है पुल पुलिया का व्यापक स्तर पर आभाव है यहां तक की स्कूल पहुचने के लिए भी सुलभ पहुच मार्ग नही है । ग्रामीणों के मुताबिक पिछले बार सन 2012 में वहां पर रोजगार गारंटी के तहत कुछ कार्य शुरू हुए थे जिसके बाद से अभी तक कोई भी कार्य शुरू नही हुआ तब से अभी तक मिटटी सड़कों की हालत खराब हो चुकी है सड़कों पर झाडि़यां उग आई जिससे बेहद परेशानी हो रही है।
साल में दो दिने आते है शिक्षक
ग्रामवासीयों ने बताया की कछुवा खोह ग्राम स्थित प्राथमिक शाला भवन में दरवाजे जर्जर हैं खिडकीयांे के टूट जाने के कारण भवन हमेशा खुला रहता है जिससे स्कूल भवन में जानवरों के घुसने का डर बना रहता है ग्रामीणों ने बताया की यहां पर दो शिक्षक पदस्थ है जिसमें से एक शिक्षक तो कभी कभार डयूटी पर आते है वहीं दूसरे शिक्षक तो सिर्फ 15 अगस्त और 26 जनवरी को ही स्कूल पहुचते है जिससे स्कूलों का संचालन पूरी तरीके से भगवान भरोषे हो गया है।
बरसात में कट जाता है संपर्क
बरसात के दिनों में नदी पर पानी ज्यादा एवं पुल नही होने से ग्राम कछुवा खोह का छत्तीसगढ राज्य एवं जिला मुख्यालय से सपर्क पूरी तरीके से कट जाता है उक्त स्थिती में कोई चाहे भी तो वहां तक नही पहुच सकता है । ग्राम वासीयों ने बताया की बरसात के समय वो पूरी तरीके से मध्यप्रदेश पर आश्रित होते है। हलाकी मध्यप्रदेश जाने में भी उन्हे भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है ।कछुवा खोह के ग्रामीणों को केन्द्र एवं राज्य सरकार के योजनाओं की भी जानकारी नही है।
न इंदिरा आवास न के सी सी
ग्रामीणों ने बताया की न तो उनके पास इंदिरा आवास है और न ही कृषि कार्य के लिए के सी सी की सुविधा ग्रामवासीयों के मुताबिक गांव में लगभग 10 से 12 वर्ष पुर्व दो हितग्राहीयों को इंदिरा आवास का लाभ मिला था इसके बाद से अभी तक किसी भी हितग्राही को इंदिरा आवास का लाभ नही मिल सका है गांव वालों के जिविका का आधार पशुपालन कृषि एवं वनोपज है लेकिन के सी सी की सुविधा नही मिलने से ग्राम वासी न तो धान बेंच पाते है और न ही उन्हे के सी सी ऋण मिल पाता है। ग्रामीणों ने बताया की वो अपनी फसल एवं वनोपज को मध्य प्रदेश की गैर सरकारी मंडी में बेंच कर अपना जीविकोपार्जन करते है। साथ ही बतरया की गांव में किसी भी व्यक्ति के पास स्मार्ट कार्ड नही है।
अटपटा है रास्ता
कछुवाखोह जाने का रास्ता भी अटपटा है वहां तक पहुचने के लिए पद यात्रा भी करनी पड़ती है इस कारण आनंदपुर गायेनी से मध्यप्रदेश के ग्राम बिंदुल एवं चूरी पाठ होते हुए करौटी तक मध्यप्रदेश की सड़क से जाना पड़ता है जिसके बाद पथरीले रास्ते से सफर करते हुए दो नदीयों को पार करके पुनः छत्तीसगढ की सीमा में प्रवेश कर कछुवा खोह जाने का रास्ता मिलता है उसमें भी यदि नदी में पानी का बहाव तेज है तो नदी को पार करना किसी खतरे से कम नही है। ग्राम वासीयों ने बताया की विकासखंड मुख्यालय पहुचने में उन्हे दो दिन का समय लगता है साथ ही राशन लेने के लिए तीस किलोमीटर पैदल आनंदपुर जाना पड़ता है साथ ही गेहूं एवं अन्य आनाज पिसाने के लिए 15 किलोमीटर दूर मध्यप्रदेस सीमा पर स्थित झोपर पटटी में संचालित अस्थाई चक्की का सहारा लेना पड़ता है।
पहली बार पंहुचे जन प्रतिनिधी
ब्लाक क्रांगेस सोनहत के महांमंत्री लवप्रताप सिह एवं पुष्पेन्द्र राजवाड़े ने वनांचल ग्राम कछुवाखोह का दौरा किया इस दौरान ग्राम वासीयों ने उन्हे अपनी पूरी समस्याओं से अवगत कराया जिस पर लवप्रताप सिह एवं पुष्पेन्द्र राजवाड़े ने ग्रामीणों की समस्याओं को जिला प्रशासन से अवगत कराने की बात करते हुए विकास कार्य कराए जाने की मांग रखने को कहा उल्लेखनीय है की ग्राम कछुवाखोह का दौरा करने वाले ये क्षेत्र के पहले प्रतिनिधी है
इनका कहना है।
ग्राम वासी कछुवाखोहरोजगार के आभाव में बुरा हाल है हम लोग चाहते है की कलक्टर साहब हमारे गांव का भी दौरा करें और रोजगार गारंटी के कार्य हमारे यहां भी शुरू करें जिससे हम लोगों को रोजगार मिल सके
लव प्रताप सिंह ,महांमंत्री ब्लाक कांग्रेस सोनहतहम लोगों ने कछुवा खोह ग्राम का दौरा किया यहां पर हालात बदतर हो चुके है स्कूलों में शिक्षक आते ही नही है विकास कार्य लंबे समय से नही हुआ है इंदिरा आवास के सी सी स्मार्ट कार्ड का आभाव है । इसके लिए हम लोगों ने आज ही सी ई ओ जनपद पंचायत सोनहत को ज्ञापन सौप विकास कार्य कराए जाने की मांग भी किया है।
पुष्पेन्द्र राजवाड़े सामाजिक कार्यकर्ताकछुवाखोह ग्राम में रोजगार गारंटी के तहत रोजगार की मांग बहुत है लेकिन कार्य नही मिल रहा है साथ ही सौर उर्जा का आभाव होने के कारण ग्राम वासीयों को काफी परेशानी है जिसके लिए जनपद पंचायत के सी ई ओ साहब को अवगत कराया गया है।
शोभ नाथ सिंह ,बी ई ओ सोनहत मैने कुछ दिन पुर्व ही कछुवाखोह का दौरा किया था ग्रामीणों ने बताया की एक शिक्षक महज 2 से तीन दिन ही आते है । ग्रामीणों की शिकायत के आधार पर संबंधित शिक्षक के उपर कड़ी कार्यवाही की जावेगी।