अम्बिकापुर
दीपावली पर्व हेतु अब कुल मिलाकर एक सप्ताह का समय बच गया है । खाद्य सामग्री की जांच को लेकर विभाग गंभीर नहीं है। और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग भी खाना पूर्ति करने मे जुटा हुआ है। खोवा व बेसन बाहर से मगा रहे है। वहीे कुछ स्थानीय स्तर पर मिलावट का मुनाफा कमाने की जुगाड़ में दिन रात एक कर रहे है। इस पर नकेल कसने जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी कोई उपया नहीं कर रहे है। हर साल दीवाली के पहले नमूना लेकर इसके परिणाम आने की बात अधिकारी कहते है जो अभी तक संभव नहीं हो सका है। इस साल भी लोगो को मिलावटी मिठाईयों का सहारा लेकर यह पर्व मनाना पडेगा । सबसे अधिक फायदा बडे कारोबारी उठा रहे है।
जानकारी के अनुसार दीवाली पर दूध की खपत आम दिनों की तुलना में 3 गुना अधिक बढ जाती है । डेयरी और मवेशी की संख्या में अनुपातिक रूप से बढ़ोत्तरी न होने के बाद भी कारोबारी आसानी से दूध की मांग को पूरा कर रहे है। इसके चलते मिलावटी कारोबार के बढ़ने की बात लोग कह रहे है ।सूत्रों के अनुसार कई व्यवसायी बनारस व इलाहाबाद की ओर से त्यौहारी सीजन में भारी संख्या में मिलावटी खोवे मंगवाते है। खाने पीने के शौकिन लोग खासकर मीठे के शौकिन इस बार उदास है। उदासी का मूल कारण बाजार में मिलावटी मिठाईयों की भरमार है। जिसके चलते खोवे की मिठाई खाने वाले इस बार खोवा निर्मित मिठाईयां खरीदने से परहेज कर रहे है। आज मिठाईयों के शौकिनों से चर्चा करने पर उन्होने कुंदा खोवा की आवक से निर्मित मिठाई बेचने वाले व्यापारियों के खिलाफ खाद्य विभाग एवं औषधि प्रशासन द्वारा समुचित कार्यवाई नहीं किये जाने पर उनके हौसले बुलंद होने पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया ।
गौरतलब है कि इस वर्ष उपभोक्ता मिठाई खरीदने के बजाय ड्राई फु्रटस और छेने से बनी मिठाईयां अधिक मात्रा मेे खरीद रहे है। दीपावली के अवसर पर एक दूसरे को हार्दिक बधाई देने के साथ डिब्बा बंद मिठाई देने का रिवाज काफी पुराना है। अनके लोग बधाई के आदान प्रदान के दौरान इस वर्ष खोवा निर्मित मिठाईयों को देने के बजाय ड्राई फु्रटस एवं छेने की बनी मिठाईयां उपहार स्वरूप एक दूसरे को देेंगे । आम उपभोक्ता ने भी महंगी खोवा निर्मित मिठाईयोे की जांच लैब में करवाकर नकली पाये जाने पर संबंधित मिठाई व्यापारी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाई की मांग खाद्य नियंत्रक , औषधि नियंत्रक एवं कलेक्टर से की है।