फ़टाफ़ट डेस्क… गौतम बुद्ध नगर जिले के रबूपुरा क्षेत्र में अवैध खनन कराने के बदले माफिया से मिले रिश्वत के पैसों को लेकर दरोगा व सिपाही के बीच हाथापाई हो गई। मामला इस कदर बढ़ गया कि पुलिस के आला अधिकारियों को हस्तक्षेप करना पड़ा। अधिकारी की मध्यस्थता से फिलहाल मामले को रफादफा कर दिया गया है। पुलिस इस संबंध में कुछ भी कहने से इनकार कर रही है।
रबूपुरा कोतवाली में मंगलवार रात को दरोगा को शिकायत मिली थी कि उनके बीट में आने वाले गांव में अवैध रूप से मिट्टी का खनन किया जा रहा है। इसकी सूचना पाकर पहुंचे दरोगा ने खनन कर रहे कुछ लोगों को मौके पर रंगेहाथ दबोच लिया। बताया जाता है कि दरोगा ने पकड़े गए खनन माफिया को कार्रवाई का डर दिखाकर उससे मोटी रकम वसूल ली और वहीं पर मामले को रफादफा कर दिया।
बाद में इसकी सूचना खनन के आरोपियों ने कोतवाली में तैनात उस सिपाही को दी जो अतिरिक्त कमाई के स्रोतों का हिसाब-किताब रखता है। खनन माफिया भी इसी सिपाही के सरंक्षण में धंधा कर रहा था। इसके बाद सिपाही दरोगा के पास पहुंचा और दोनों के बीच इसको लेकर कहासुनी हो गई। सिपाही दरोगा से भिड़ गया और दोनों बीच हाथापाई हो गई।
पुलिसकर्मियों ने दोनों को शांत कराया। अधिकारियों के आदेश पर जेवर एएसपी रुद्र कुमार मामले को देखने के लिए कोतवाली पहुंचे। उन्होंने सिपाही और दरोगा को फटकार लगाई। बाद में दोनों को समझाया और मामले को रफा-दफा करा दिया। उधर पुलिस घटना में कुछ भी कहने से बच रही है।
उल्लेखनीय है कि रबूपुरा कोतवाली में तैनात पुलिसकर्मियों पर क्षेत्र में अवैध खनन को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं। पिछले सप्ताह भी मकान बनाने के लिए अपने ही खेत से मिट्टी ला रहे फलैदा गांव निवासी किसान नेता बिजेंद्र सिंह से रबूपुरा कोतवाली में तैनात दो पुलिसकर्मीयों द्वारा खनन अधिकारी बनकर अवैध वसूली की कोशिश की गई थी जिसकी शिकायत किसान नेता ने जिला खनन अधिकारी से की थी।