लखनऊ. उत्तर प्रदेश में अगले वित्तीय वर्ष (2021-2022) के लिए बनाई गई आबकारी नीति में बीयर के दामों में कमी आने की उम्मीद की जा रही है. दरअसल यूपी सरकार की नई आबकारी नीति में एक्साइज ड्यूटी में छूट के फैसले से बीयर के दाम में 15 से 17 प्रतिशत कम हो जाएंगे. वहीं इस आबकारी नीति में ईज आफ डुइंग बिजनेस और गुड गवर्नेंस को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है.
इसके तहत निजी प्रयोग या पर्सनल बार के लिए भी निर्धारित फुटकर सीमा से अधिक शराब रखने पर लाइसेंस लेने का प्रावधान कर दिया गया है. नई नीति के तहत प्रति व्यक्ति या एक घर में सिर्फ 6 लीटर शराब की खरीद, परिवहन या निजी कब्जे में रखने की सीमा निर्धारित है. इससे अधिक शराब रखने पर आबकारी विभाग से लाइसेंस लेना होगा. वर्ष 2020-21 के लिए देशी-विदेशी मदिरा के साथ मॉडल शॉप के वार्षिक लाइसेंस की फीस में बढ़ोतरी की गई है. इस कदम से प्रदेश सरकार को तकरीबन 6000 करोड़ रुपए अधिक राजस्व मिलने की संभावना है.
प्रमुख बदलाव
– पहले शराब के ब्रांड और लेबल का हर वर्ष नवीनीकरण कराना अनिवार्य था, अब उसे एक साथ 3 साल फीस देकर हासिल किया जा सकेगा. अन्य प्रक्रियाओं को भी आसान किया गया है.
– नई नीति के तहत पिछले स्टॉक को अगले वर्ष के लिए रोल ओवर प्रक्रिया में छूट दी गई है. इसके लिए फीस नहीं देनी होगी. पिछले सत्र का बचा माल अगले वित्तीय वर्ष के पहले सप्ताह तक छूट बिक सकेगा.
– दूसरे जिलों की सीमा पर दोनों जिलों की अनुमति के बिना फुटकर दुकानों का लाइसेंस नहीं दिया जाएगा.
– देशी-विदेशी शराबों की दुकान के लाइसेंस फीस में 7.5 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है.
इसलिए बीयर की नहीं बढ़ाई गई लाइसेंस फीस
-बीयर की दुकानों के लाइसेंस फीस में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. इससे बीयर के दाम में 15 से 20 रुपये तक की गिरावट आने की उम्मीद की ज रही है. दरअसल बीयर की मांग कम होने के चलते ये निर्णय लिया गया है. वहीं सरकार की मंशा दूसरे राज्यों से तस्करी पर भी अंकुश लगाने की है. दाम कम होने से इसमें कमी आएगी.
– आने वाले सत्र में बीयर की सभी दुकानें 2021-22 में नवीनीकरण के लिए मान्य होंगी.
– देशी व अंग्रेजी शराब की दुकानों का नवीनीकरण तभी होगा, जब जुलाई 2020 से मार्च 2021 तक के कोटे (माल) का शत-प्रतिशत उठान कर लिया जाएगा.
– अनाज से शराब बनाने की भी अनुमति सरकार ने दे दी है.
– वर्ष 2020-21 में 37,500 करोड़ का राजस्व अनुमानित था लेकिन कोरोना के चलते दिसंबर अंत के आंकड़ों के अनुसार यह अनुमान घट कर 28340 करोड़ रुपया रह गया. अब इस वर्ष अनुमानित राजस्व 34500 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है.
– सरकार ने नई नीति में व्यवस्था की है कि निजी प्रयोग के लिए व्यक्तियों को निर्धारित फुटकर सीमा से अधिक शराब खरीदने, परिवहन व निजी कब्जे में शर्तों के अधीन रखने के लिए सालाना 12 हजार रुपये का होम लाइसेंस लेना होगा. इसके लिए 51000 रुपये सिक्योरिटी मनी भी जमा करनी होगी.
– आने वाले सत्र में वाइन के उत्पादन को प्रोत्साहित करने की योजना है, प्रदेश में निर्मित वाइन को प्रतिफल शुल्क से मुक्त रखने की योजना है.
– आबकारी विभाग की सभी प्रक्रियाओं को कंप्यूटराइज कर इंटीग्रेटेड सप्लाई चेन मैनेजमेंट सिस्टम चालू किया जाएगा.
– फुटकर दुकानों में भी बिक्री पीओएस मशीन से करने की व्यवस्था की गई है.
– एयरपोर्ट पर अब महंगी शराब उपलब्ध होगी, यहां प्रीमियम रिटेल वेंड अनुमन्य होगा. जहां वाइन टेस्टिंग अनुमन्य होगी लेकिन टेस्टिंग कक्ष में बिक्री प्रतिबंधित होगी.
निजी बार के लिए 12000 रुपए लाइसेंस फीस
– निजी प्रयोग के लिए व्यक्तियों को निर्धारित फुटकर सीमा से अधिक मदिरा क्रय, परिवहन या निजी कब्जे में रखने के लिए लाइसेंस लेना होगा. प्रत्येक वर्ष 12,000 रुपए लाइसेंस फीस और प्रतिभूति धनराशि 51,000 रुपये जमा करनी पड़ेगी.
– नई नीति के तहत प्रति व्यक्ति या एक घर में सिर्फ 6 लीटर मदिरा के क्रय, परिवहन या निजी कब्जे में रखने की सीमा निर्धारित है. इससे अधिक शराब रखने पर आबकारी विभाग से लाइसेंस लेना होगा.
– देशी मदिरा, विदेशी मदिरा की फुटकर दुकानों और मॉडल शॉप की वर्ष 2021-22 के लिए वार्षिक लाइसेंस फीस में 7.5 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है.
– बीयर की फुटकर दुकान लाइसेंस फीस में कोई वृद्धि नहीं की गई है. उपभोक्ताओं को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शराब उपलब्ध कराने के लिए ग्रेन ईएनए से निर्मित उच्च गुणवत्ता युक्त यूपी मेड लिकर की टेट्रा पैक में बिक्री देशी शराब की दुकानों से अधिकतम फुटकर विक्रय मूल्य 85 रुपये में की जाएगी. लेकिन देशी शराब के अधिकतम फुटकर विक्रय मूल्य में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है.
– नई नीति के तहत प्रदेश में शराब उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में उत्पादित फल से प्रदेश में निर्मित शराब आगामी 5 वर्ष के लिए प्रतिफल शुल्क से मुक्त होगी.