जिस काम के लिए सरकार से पैसे मिलते है, उसी के नाम पर किसानों से हो रही अवैध वसूली

अम्बिकापुर. छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू होने के बाद कई समितियों में किसानों से अवैध वसूली का खेल शुरू हो गया है. समिति के कर्मचारी गांव के भोले-भाले ग्रामीणों को ठगने में लगे हुए है. जिससे किसान परेशान हैं. हालांकि कुछ शिक्षित और जानकार लोगों ने इसका विरोध किया और कलेक्टर जनदर्शन में इसकी शिकायत की है.

दरअसल, सरगुज़ा के नमनाकला सोसायटी के सरगंवा धान ख़रीदी केंद्र में समिति के कर्मचारियों द्वारा प्रत्येक किसानों से तौलाई, स्टैनलिश, छलनी के नाम पर अवैध तरीक़े से 20 रुपये लिया जा रहा है, जबकि शासन द्वारा इस काम के लिए प्रति क्विंटल 12 रुपये समिति को दिए जाते है. बावजूद इसके समिति द्वारा किसानों से पैसे लेना समझ से परे है.

नमनाकला, सरगंवा आदिम जाति सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष रामप्रसाद टेकाम ने बताया कि शासन द्वारा तौलाई छलनी लगाने के लिए शासन द्वारा 12 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से दिया जाता है. लेकिन समितियों में किसानों से 20 रुपये अवैध वसूली की जा रही है. जब से इन जगहों में धान खरीदी की शुरुआत हुई है. तब से किसानों से 15, 17, 20 रुपये वसूली की जा रही है. इसके लिए कलेक्टर, पंजीयक, संयुक्त पंजीयक को आवेदन दिया गया था. लेकिन आजतक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

बहरहाल, अफ़सर बेहतर काम के बदले कर्मचारियों को टीप देने में नहीं हिचकिचाते. लेकिन धूप, गर्मी, बरसात में दिनरात मेहनत कर धान उगाने वाले किसानों के फायदे का हिस्सा भी लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे. जिसका सरगुज़ा में जीता-जागता उदाहरण देखा जा सकता है.