सीतापुर। उत्तर प्रदेश के सीतापुर जनपद में एक महिला ने अपने पति के लिए मांगी गई मन्नत पूरी होने पर मां काली को अपनी जीभ काटकर चढ़ा दी। अंधविश्वास की यह घटना शहर कोतवाली इलाके के दुर्गा पुरवा की है। वारदात के बाद मंदिर में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में महिला को जिला अस्पताल में एडमिट कराया गया, जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
महिला ने बताया कि उनका पति काम नहीं कर रहे थे और गलत रास्ते पर जा रहे थे। साथ ही घर में कई तरह की दिक्कतें भी थीं। इसके बाद दो महीने पहले उन्होंने मां काली से मन्नत मांगी थी कि अगर उनका पति सही रास्ते पर आ जाए और घर की दिक्कतें दूर हो जाती हैं तो वह अपनी जुबान माता के चरणों में अर्पित कर देंगी। महिला का कहना है कि उनकी दोनों ही मन्नत पूरी हो गई। जिसके बाद नवरात्र के चौथे दिन उन्होंने अपनी जीभ काटकर मां को चढ़ा दी।
दुर्गा पुरवा की रहने वालीं साक्षी शर्मा ने अपने दोनों मन्नत पूरी हो जाने पर माता काली के चरणों में अपनी जुबान चढ़ा दी। इतना ही नहीं, जुबान काटने के बाद उन्होंने कटी हुई जीभ एक प्लेट में रख दी। इस बात की सूचना जब इलाके के लोगों को हुई तो लोगों का भारी हुजूम मंदिर में उमड़ पड़ा। कुछ महिलाएं तो भक्ति भाव में विभोर होकर पूजा अर्चना करने लगीं, वहीं कुछ लोग साक्षी को देवी का रूप मानकर पूजा करने लगे।
सीओ सिटी पीयूष कुमार सिंह का कहना है कि दुर्गा पुरवा में एक माता काली का मंदिर है जो बंद रहता है. सुबह-शाम मंदिर के पुजारी द्वारा साफ सफाई कर पूजा-अर्चना की जाती है। शाम को मंदिर के पुजारी पूजा कर रहे थे, तभी एक महिला पहुंची और मन्नत को लेकर अपनी जीभ देवी को अर्पित करने का प्रयास किया। सूचना मिलते ही प्रभारी निरीक्षक पहुंचे और महिला को अस्पताल में भर्ती कराया। महिला की स्थिति सामान्य और खतरे से बाहर बताई जा रही है।
जिला अस्पताल के डॉक्टर पीसी विश्वकर्मा ने बताया कि महिला ने मंदिर में देवी मां के आगे अपनी जुबान चढ़ाई है। महिला ने सिर्फ जुबान काटी है और वह खतरे से बाहर है।।ड्रेसिंग कर दी गई है। उनकी हालत सामान्य है। गौरतलब है कि इसी साल फ़रवरी में सीतापुर की एक लड़की ने भी अपनी जीभ काटकर माता के चरणों में चढ़ा दी थी। उसने अपनी मां के ठीक होने की मन्नत मांगी थी। लेकिन, सबसे बड़ा सवाल यह है कि 21वीं सदी में भी इस तरह का अंधविश्वास हमारे समाज में मौजूद है।