अम्बिकापुर। सरगुज़ा रेंज आईजी रतनलाल डांगी के शख़्त निर्देश के बाद संभाग की पुलिस नशे के ख़िलाफ़ शख़्त हो गई है। और अपराधियों के साथ अपराध में शामिल पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों पर भी कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में सरगुज़ा के गांधीनगर थाना पुलिस में पदस्थ आरक्षक को नशीले दवाइयों के मामले में संलिप्त होने की वजह से एसपी ने बर्खास्त कर दिया है।
दरअसल, थाना गांधीनगर के एनडीपीएस एक्ट के आरोपियों के कॉल डिटेल के आधार पर आरक्षक उपेन्द्र सिंह द्वारा मोबाईल नम्बर 9111111795 से प्रकरण के आरोपी बबीता साह से 10 अगस्त 2020 से दिनांक 09.09.2020 तक कुल 24 बार तथा आरोपियों बबीता साह के पति कमल साह से दिनांक 18.09.2020 को मो.न. 9111111755 से 01 बार बात किया गया है।
जो आरोपियों को संरक्षण देना तथा उनके दिस्न्दध कोई कार्यवाही नहीं कराया जाकर गतिविधियों में संलिप्तता को दर्शाता है। पुलिस विभाग का मुख्य कार्य अपराध एवं अपराधियों पर नियंत्रण रखकर उच्च स्तरीय आचरण एवं असंदिग्य निष्ठा प्रदर्शित करना ही अपरिहार्य है, किन्तु इनके द्वारा पूर्व से ही अपराधिक गतिविधियों की जानकारी होते हुए भी आरोपियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं कराया जाना तथा अपराधियों को संरक्षण देकर पुलिस रेग्युलेशन में प्रावधानित पैरा 64 में उल्लेखित सेवा की सामान्य शर्तों के विपरीत कृत्य कर पुलिस की छवि को धूमिल किया गया है।
इस संबंध में आरक्षक 46 उपेन्द्र सिंह को कारण बताओ का नोटिस जारी किया गया। आरक्षक द्वारा जवाब प्रस्तुत किया गया, जवाब संतोषप्रद नहीं पाया गया। ऐसी प्रवृत्ति के कर्मचारी के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करना विभाग के हित में आवश्यक है, ताकि समाज में विभाग के उच्चस्तरीय मानकों की छवि बरकरार रहने के साथ ही विभागीय व्यवस्था सुदृढ यनी रहे। इस तरह का कृत्य विभाग में पदस्थ अन्य कर्मियों के लिए नकारात्मक प्रभावकारी है। अतः उक्त कृत्य के लिए आरक्षक 46 उपेन्द्र सिंह थाना गांधीनगर को कारण बताओ नोटिस में प्रस्तावित दण्ड भारतीय संविधान की कंडिका 311 के खण्ड (2) परंतुक के उपखण्ड “अ” के तहत आदेश जारी दिनांक से (Dismissed from service) “सेवा से पदच्युत” किये जाने का दण्ड दिया गया है।
गांधीनगर थाना में पदस्थ आरक्षक उपेंद्र सिंह को नशीली दवाइयां, इंजेक्शन के मामले में संलिप्तता की वजह से बर्खास्त कर दिया गया है।
तिलक राम कोशिमा, पुलिस अधीक्षक, सरगुज़ा
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