रायपुर
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के ग्राम छुरीकला की रहने वाली श्रीमती छबि देवांगन ने जब से किराना दुकान खोला है, उनकी तो किस्मत ही बदल गयी। उनका परिवार सक्षम और खुशहाल है। इस दुकान के लिए उन्हें महिला एवं बाल विकास द्वारा संचालित सक्षम योजना से आर्थिक मदद मिली है। दुकान की सफलता और अच्छी कमाई होने से उनके परिवार के पालन-पोषण में कोई दिक्कत नहीं हो रही है। परिवार और दुकान चलाने में उनका बेटा और बेटी भी सहयोग करने लगे हैं श्रीमती देवांगन ने बताया कि वर्ष 2010 में उनके पति की मृत्यु हो गई, उस समय घर में और कोई कमाने वाला नहीं था। इसके बाद दिन-ब-दिन उनके परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय होती चली गई। वर्ष 2011 में जैसे ही उन्हें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से सक्षम योजना के बारे में जानकारी मिली, उन्होंने दुकान शुरू करने के लिए नियमानुसार विभाग में आवेदन किया। आवेदन के कुछ दिनों बाद ही विभाग द्वारा आसान 20 हजार रूपए ऋण की मंजूरी दे दी गई। उन्होंनेे बताया कि सक्षम योजना ने उनके जीवन को एक दिशा देने में बहुत बड़ी मदद की है, आज वह पूरी तरह आत्मनिर्भर बन चुकी है। इस दुकान से उन्हें हर महीने नौ-दस हजार रूपए की आमदनी हो जाती है। उनकी दो बेटियां और एक बेटा है। उनकी छोटी बेटी बी.ए. अंतिम की कक्षा में अध्ययनरत है। बेटा भी एम.ए. की पढ़ाई कर धान खरीदी मण्डी में काम करने लगा है। बड़ी बेटी की शादी तो पहले ही हो चुकी है। श्रीमती देवांगन ने बताया कि दुकान में अच्छी कमाई होने की वजह से ऋण की मासिक किस्त पटाने में उन्हें कभी कोई दिक्कत नहीं हुई। अब तक वे योजना के तहत सैंतीसवें किस्त की राशि 390 रूपए सहित 14 हजार रूपए से अधिक राशि पटा चुकी हैं। इस प्रकार सक्षम योजना की सहायता से आत्मनिर्भर बनी श्रीमती देवांगन अपने परिवार के प्रति भी सभी दायित्वों को अच्छी तरह निभा रही है। उल्लेखनीय है कि इस योजना के तहत विधवा, कानूनी तौर पर तलाकशुदा और 35 से 45 आयु वर्ग की अविवाहित महिलाओं को खुद के व्यवसाय के लिए आसान शर्तों पर एक लाख रूपए तक का ऋण दिया जाता है।