रायपुर। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की पहचान के लिए ज्यादा से ज्यादा सैंपलों की जांच की जा रही है। राज्य के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 832 केंद्रों में रैपिड एंटीजन किट से कोरोना की जांच की जा रही है। लोगों की सुविधा के लिए अलग से स्थापित जांच केंद्रों के साथ ही शासकीय मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों, मातृ-शिशु अस्पतालों, सिविल अस्पतालों, शहरी और ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, शहरी व ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा मोबाइल टीमों के द्वारा भी कोरोना की जांच की जा रही है।
कोरोना संक्रमण की पुष्टि के लिए प्रदेश में अब तक कुल नौ लाख 82 हजार 825 सैंपलों की जांच की जा चुकी है। इनमें से पांच लाख आठ हजार 290 सैंपल आरटीपीसीआर से, चार लाख 26 हजार 323 रैपिड एंटीजन किट से और 48 हजार 212 सैंपल ट्रू-नाट मशीनों से जांचे गए हैं। प्रदेश भर के 832 केंद्रों में रैपिड एंटीजन किट से कोरोना संक्रमण की पहचान की जा रही है। रायपुर और कोरबा जिले में 59-59 केंद्रों में, जांजगीर-चांपा में 56, राजनांदगांव में 44, जशपुर में 42, दुर्ग में 40, रायगढ़ में 39, सरगुजा में 35, बलरामपुर-रामानुजगंज में 34, बिलासपुर, मुंगेली, कोरिया और कबीरधाम में 31-31 तथा सूरजपुर व कांकेर में 30-30 केंद्रों में रैपिड एंटीजन किट से जांच की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना संक्रमण के संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए बलौदाबाजार-भाटापारा और बालोद जिले में 29-29, धमतरी और महासमुंद में 28-28, बेमेतरा में 23, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 21, बस्तर में 19, गरियाबंद में 17, दंतेवाड़ा व बीजापुर में 12-12, कोंडागांव में नौ, नारायणपुर में सात तथा सुकमा में छह केंद्र रैपिड एंटीजन किट से जांच के लिए स्थापित किए गए हैं। प्रदेश के सात मेडिकल कॉलेजों, 23 जिला अस्पतालों, 175 मातृ-शिशु अस्पतालों, सिविल अस्पतालों एवं शहरी व ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, 36 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, 539 ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा 52 अन्य केंद्रों और मोबाइल टीमों द्वारा कोरोना जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।