जांजगीर.चांपा। जिले के दिव्यांग कोविड सेंटर के कोरोना मरीज पंकज तीवारी की का शव 17 सितंबर को सुबह खोखसा पाटक के पास रेल्वे टेªक में मिलता है। पंकज की शरीर में कई अलग -अलग चोट के निशान मिलते है। लेकिन मृतक का कापड़ा किसी प्रकार का नही फटा रहता। और जो युवक के चोट के निशान है वह भी सदिग्घ है। बाद मे घटना की सूचना पर परिजन मौके पर जाकर शव का पहचान करते हैं . पुलिस मौके पर पहुंचकर शव का पंचनामा कर शव को परिजनो को सौप दिया जाता है। परिजन विधि विधान से अंतिम संस्कार करते हैं लेकिन सबसे बउ़ा सवाल यह कि अगर मृतक कोरोना पाॅजिटिव था तोे प्रशासन शव को परिजनो को क्यो सौप दिया ? वही परिजनो को आरोप है कि मामले मे पोस्टमार्टम भी नही हुआ हैं , लेकिन प्रशासन का कहना है कि कोरोना मरीजो को पोस्टमार्टम नही किया जाता। परिजनो ने प्रशासन पर सवाल खड़े करते हुए कह रहा है। अगर कोरोना पाॅजिटिव था तो परिजनो द्वारा क्यो अंतिम संस्कार कराया गया। इस प्रकार के कई सवाल खड़े हो रहे है… आखिर कार परिजनो ने इस मामले मे एसपी से लिखित मे आवेदन देकर कहा की इस मामले मे जांच की जाये। साथ ही जल्द से मामले की जांचकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। आपको बता दे कि पूरा मामला क्या है ..कुलीपोटा निवासी राजू प्रसाद तिवारी का 25 वर्षीय पुत्र पंकज तिवारी का 15 सितंबर को कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा उसको दिव्यांग स्कूल में भर्ती किया गया था। दूसरे दिन उन्होंने परिजनों को फोन लगाकर अस्पताल के अव्यवस्था के बारे में बताते हुए कोविड केयर सेंटर नहीं रहने की बात कही। जिस पर परिजन उन्हें घर ले जाना जा रहे थे। इसी दौरान १७ सितंबर की सुबह ४ बजे पंकज तिवारी कोविड केयर सेंटर दिव्यांग स्कूल से निकल गया और पैदल खोखसा फाटक के पास पहुंच गया। जहां से उन्होंने अपनी बहन नीलिमा को मैसेज किया। इतने में परिजन तुरंत खोखसा फाटक के पहुंचे तो पंकज तिवारी का शव पटरी पर मिला। एसपी को सौपे ज्ञापन में परिजनों ने बताया कि उसकी मौत हुई है। ट्रेन में कटने से शरीर का कई हिस्सा में बंट जाता। लेकिन ऐसा नहीं हुआ केवल पेट के नीचले हिस्से में ही चोट आई है। बाकी शरीर में कही भी गंभीर चोट नहीं है। चाकू से मारने का निशान पीट व हाथ में है। परिजनों ने इसकी शिकायत एसपी से करते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है। परिजनों ने गृहमंत्री को भी शिकायत की है। इसके अलावा परिजनों का कहना है कि पीएम भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा नहीं किया गया है।
बिना पीएम किए पटरी से ही हम लोगों को शव सौंप दिया गया
जिले के दिव्र्याग कोविड सेंटर में कोरोना मरीज भागकर 17 सितंबर को ट्रेन में कटकर मौत हो गई थी। परिजनों ने यह आत्महत्या नहीं है, इसकी मौत का आरोप लगाते हुए एसपी से लिखित शिकायत की है। साथ ही जल्द से मामले की जांचकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।