वीडियो : दक्षिण कोरिया में भी भगवान राम का बोलबाला… भारत की तरह वहां भी श्रद्धा से पूजे जाते हैं श्रीराम.. अयोध्या को मानते हैं अपना ननिहाल! जानिए क्या है राज

फ़टाफ़ट डेस्क। विविधताओं और अलग-अलग संस्कृतियों के बीच भारत के सभी धर्मों में जो एक समानता देखने को मिलती है.. वो है उनकी अपने-अपने धर्मों में अटूट आस्था.. जिसका एक बड़ा उदाहरण भगवान राम है. जिनमें हिंदु समुदाय की अटूट आस्था है…

भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है.. यानी कि हर मर्यादा का पालन करने वाला उत्तम पुरुष.. हिंदू धर्म की पवित्र किताब रामायण भगवान राम के जीवन पर ही आधारित है.. जिसमें मनुष्य के विचार, स्वभाव, राजपाट, राजनीति, समाज सेवा आदि के बारे में बताया गया है… और यही कारण है कि भारत में भगवान राम को बड़ी श्रद्धा के साथ पूजा जाता है.. और शायद यही वजह की भगवान राम से लाखों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है…

लेकिन शायद आपको जानकर हैरानी होगी कि भगवान राम को केवल भारत में ही नहीं. बल्कि दक्षिण कोरिया में भी पूजा जाता है… और वहां के लोगों में भी भगवान राम को लेकर वही आस्था देखने को मिलती है.. जो भारत में लोगों की भगवान राम से जुड़ी है…

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अब आपके मन मे यह सवाल जरूर आ रहा होगा… की भगवान राम तो अयोध्या के राजा थे.. फिर दक्षिण कोरिया में भगवान राम की पूजा क्यों होती है? आखिर क्या है? भगवान राम से दक्षिण कोरिया का संबंध… तो चलिए आपको बताते हैं की भगवान राम और दक्षिण कोरिया के संबंध का क्या इतिहास है….

जैसा कि हम सभी जानते है कि भगवान राम अयोध्या के राजा दशरथ के जेष्ठ पुत्र थे… जिन्होनें अपने 14 वर्ष वनवास के बाद अयोध्य़ा की गद्दी संभाली थी.. दरअसल भगवान राम के वंश की राजकुमारी सूर्य रत्ना 48वीं ईंसा पूर्व समुद्र यात्रा पर गई थी.. और इसी दौरान यात्रा करते हुए सूर्य रत्ना दक्षिण कोरिया जा पहुंची… सूर्य रत्ना को दक्षिण कोरिया के राजा सूरो से प्रेम हो गया..और उन्होनें राजा सूरो से शादी कर ली…

इतिहासकारों के अनुसार ये विश्व की पहली ग्लोबल शादी थी.. जिसके जरिए दो देशों की सभ्यता का विस्तार हुआ था…और राजकुमारी सूर्य रत्ना जिन्हें कोरिया में महारानी कहा जाता है.. उन्ही के कारण भगवान राम की आस्था का विस्तार दक्षिण कोरिया में हुआ था… और लोगों की आस्था भगवान राम के प्रति बढ़ी थी.. यही वजह है कि दोनों देशों के बीच महारानी सूर्य रत्ना के स्मारक को लेकर सहमति बनी है.. जो अयोध्या में सरयू नदी के किनारे बनाया जाएगा… साथ ही इस स्मारक को बनाने के लिए कीमती पत्थर दक्षिण कोरिया से लाए जाएंगे.. हालांकि उत्तर प्रदेश के सरकारी चिह्न मछिलयों को भी रानी सूर्य रत्ना से प्रभावित माना जाता है..

वहीं अगर बात करें दक्षिण कोरिया की.. तो दक्षिण कोरिया का राजवंश आज भी अयोध्या को अपना ननिहाल मानता है.. और भगवान राम की पूजा करता है…

खबरों के अनुसार दक्षिण कोरिया में भगवान राम के भव्य मंदिर का भी निर्माण किया जा रहा है.. जिसके बन जाने से भगवान राम के प्रति लोगों में आस्था और भी बढ़ेगी.. साथ ही विश्वस्तर पर लोग भगवान राम के महत्व को जान पाएंगे…

आपको बता दें हर साल दक्षिण कोरिया से कई पर्यटक भगवान राम की जन्म भूमि अयोध्या आते है… और भगवान राम को करीब से जानते है.. दक्षिण कोरिया और भारत के अच्छे मैत्रिक संबंधों का एक कारण दो दोनों देशों का भगवान राम की आस्था से जुड़ा होना भी है…