वाशिंगटन। कोरोना संक्रमण के मामले में चीन की मदद करने के आरोप झेल रहा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) एक बार फिर सवालों में आ गया है। 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने कोरोना महामारी को लेकर एक ओपन लेटर लिखा है, जिसमें WHO पर भी सवाल उठाए गए हैं। इन वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोनावायरस हवा के जरिए भी फैलता है लेकिन डब्ल्यूएचओ इसे लेकर गंभीर नहीं है और संगठन ने अपनी गाइडलाइंस में भी इस पर चुप्पी साधी हुई है।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक़ 239 वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि हवा के छोटे कणों में मौजूद कोरोना वायरस से भी लोग संक्रमित हो सकते हैं। वैज्ञानिकों ने कहा कि उन्हें इस बात के सबूत मिले हैं और उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन से इस बीमारी से जुड़े दिशा-निर्देशों को संशोधित करने की मांग की है।
वैज्ञानिकों ने WHO से कहा है कि वह इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाए साथ ही इस पत्र को अगले हफ़्ते किसी साइंस जर्नल में प्रकाशित करने का भी ऐलान कर दिया। बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़ कोरोनो वायरस बीमारी मुख़्य रूप से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक छोटे ड्रॉपलेट से फैलता है, जो छींकने या बोलने के दौरान मुंह से निकलते हैं।
इन वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि छींकने के बाद हवा में दूर तक जाने वाले बड़े ड्रॉपलेट या छोटे ड्रॉपलेट एक कमरे या एक निर्धारित क्षेत्र में मौजूद लोगों को संक्रमित करने में सक्षम होते हैं। बंद जगहों पर ये काफी देर तक हवा में मौजूद रहते हैं और आस-पास मौजूद सभी लोगों को संक्रमित कर सकते हैं।
हालांकि WHO ने न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए अपने बयान में कहा कि जो सबूत शोधकर्ताओं ने दिए हैं, वो काफ़ी नहीं हैं। WHO के डॉ. बेनेडेटा अलेंग्रांज़ी ने न्यूयॉर्क टाइम्स से कहा, ‘ख़ासतौर पर पिछले दो महीनों हमने कई बार कहा है कि हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि ये बीमारी हवा के माध्यम से फैल सकती है लेकिन इसे साबित करने के लिए कोई ठोस या स्पष्ट प्रमाण नहीं हैं.’