जांजगीर-चाँपा..(संजय यादव)..जांजगीर-चाँपा पूरे प्रदेश में धान खरीदी में सबसे अव्वल है वही आज कारोड़ो को धान संग्रहण केन्द्रो में खुले आसमान के नीचे बर्बाद हो रहा है। लाॅकडाउन के कारण देरी सेे मिलिंग होने की वजह से उठाव नही हुआ जिसके कारण संग्रहण केन्द्रो में लाखो के धान अभी भी जाम पडें है। 16 लाख क्विटंल धान खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ। यहां कारोड़ो का धान बारीश मे भीगने के कारण बर्बाद होने की आशंका हैं।
जांजगीर चांपा जिले में लगातार दो दिनो से हो रही बारिश से संग्रहण केन्द्रो में खुले आसमान के नीचे रखेे करोडों का धान भीग कर बर्बाद हो रहा है। लेकिन विभाग के पास रखने के लिए न तो छतदार भंडारण केन्द्र है और न ही पर्याप्ज कैप कव्हर है। जिसके कारण कारोडों को धान खुले आसमान के नीचे बारीश से भीग कर खराब हो रहा है। यहां तक भीगे हुए धान का अब अंकुर निकल आया हैं । इस तरह भीगे हुए धान अब किसी काम के नही है। न ही इसे चावल निकाला जा सकता हैं और न ही इसे राइस मिलर्स द्वारा मिलिंग किया जा सकता है।
जिले के 5 संग्रहण केन्द्रो में 38 लाख क्विंटल धान का संग्रहण किया गया था। जिसमें 22 लाख क्विंटल की मिलिंग हो गई है। लेकिन अभी भी 16 लाख क्विटंल धान खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है। बारिश में भीगने और खुले में पड़े होने के कारण धान के खराब होने की आशंका बढ़ गई है। वहीं हो रही बारिश के चलते विभिन्न संग्रहण केन्द्रों में पड़े लाखों क्विंटल धान में संकट का बादल छाने लगा है। इसके बाउजुद विभाग धान की बर्बादी होने की बात से इंकार कर रहा है।