एक बड़े हनी ट्रैप मामले का हुआ भांडाफोड… आरक्षक और पूर्व पीसीआर चालक समेत आधा दर्जन आरोपी गिरफ्तार..

बिलासपुर. बिलासपुर के एक हनी ट्रैप मामले में पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है एक पड़े हनी ट्रैप मामले का खुलासा किया गया जिसमें इस पूरे मामले की मास्टरमाइंड समेत आधा दर्जन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही आरोपी आरक्षक एवं पीसीआर का पूर्व चालक भी गिरफ्तार हुआ है. इस हनी ट्रैप मामले में पीड़ित को फंसा कर अश्लील फोटो और वीडियो वायरल करने के एवज में पहले तो कुछ हजार वसूले गए लेकिन उसके बाद पीड़ित से 2 लाख की मांग की गई.

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दरअसल यह मामला 6 माह पूर्व का है जब पीड़ित को एक नंबर से फोन आया था जिसने अपना नाम मुकुल शर्मा बताया और एक लड़की का फोन नंबर पीड़ित को दिया. पीड़ित द्वारा लड़की को फोन करने पर लड़की द्वारा बताया गया कि मैं अभी बाहर हूं आने पर फोन करूंगी. कुछ दिन बाद लड़की ने पीड़ित को मिलने सरकंडा क्षेत्र में नया कंस्ट्रक्शन घर के रूम में बुलाया जब पीड़ित वहां पहुंचा तो लड़की ने दरवाजा ढक कर अंदर से बंद नहीं किया और तत्काल अपने कपड़े उतारकर पीड़ित के भी कपड़े उतारने लगी इसी दौरान दरवाजा खटखटाने पर लड़की द्वारा दरवाजा खोला गया और एक पुलिस की वर्दी में और एक सादी वर्दी में तो व्यक्ति अंदर घुसे और फोटो और वीडियो बनाना शुरू करने लगे.

वीडियो बनाने के बाद वायरल करने की धमकी देकर तथा बलात्कार के झूठे मामले में फंसा देने की धमकी देकर पैसों की मांग की गई पीड़ित के द्वारा 8 हजार तुरंत दे दिया गया और अधिक पैसों की मांग करने पर उसका मोबाइल छीन कर और पैसों की मांग की. कुछ दिन बाद पीड़ित को पुनः एक मोबाइल नंबर से फोन आया और बोला गया कि मैं क्राइम ब्रांच का डीएसपी बोल रहा हूं मेरे पास तुम्हारा एक अश्लील फोटो और वीडियो है. और इसे वायरल करने के नाम पर 2 लाख की मांग की गई और पीड़ित को धमकाया गया. जिसके बाद पीड़ित द्वारा 22 हजार रुपए तुरंत दे दिए गए. इसके बाद आरोपी को फिर फोन कॉल आया जिसमें बाकी बचे पैसों की मांग की गई. इसके बाद पीड़ित द्वारा पैसे जमा करने के लिए समय मांगा गया.

इन सब के बाद पीड़ित ने किसी तरह हिम्मत जुटाकर इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई. जिसके बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर ओम प्रकाश शर्मा एवं सीएसपी सरकंडा निमिषा पांडेय के नेतृत्व में एक टीम गठित कर इस मामले का पर्दाफाश करने के निर्देश दिए गए. इसके बाद पुलिस प्रशासन द्वारा आरोपियों की धरपकड़ के लिए जाल बिछाकर इन आरोपियों को पकड़ा गया. इस पूरे मामले में मुख्य आरोपी मुकेश कुर्मी और गोकुल कुर्मी था एवं अन्य आरोपी पूर्व पीसीआर चालक 22 वर्षीय सूरज सारथी एवं आरक्षक रामकुमार खांडेकर, कृष्णा शर्मा और आकाश निर्मलकर समेत दो महिला आरोपी भी शामिल थे. आरोपियों के पास से घटना में प्रयुक्त 6 मोबाइल फोन जमा पर्ची और 15 हजार नगद जप्त किया गया.