फटाफट डेस्क. भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव का जन्म 21 फरवरी 1964 को छत्तीसगढ के जशपुर जिले के बगिया गांव मे हुआ था.. उनके पिता का नाम राम प्रसाद साय और माता जी का नाम श्रीमती जसमणि देवी है. 27 मई 1991 को उनका विवाह कौशल्या देवी से हुआ.. जिनके दो पुत्रिया और एक पुत्र है.. आदिवासी समाज के श्री साय ने अपनी हायर सेकेन्ड्री तक की शिक्षा जशपुर जिले के कुनकुरी स्थित लॉयोला हायर सेकेंड्री स्कूल से ली. पेशे से कृषक विष्णुदेव साय मूलत: छत्तीसगढ के जशपुर जिले के बगीचा ब्लाक के एक छोटे से गांव बगिया के रहने वाले हैं..
जानते है पूर्व केन्द्रीय मंत्री औऱ पहले भी एक बार प्रदेश अध्यक्ष रह चुके विष्णुदेव साय ने किन किन सैंवाधानिक पदो पर कार्य किया है.. दरअसल 1990-98 तक वो दो बार मध्य प्रदेश विधान सभा के सदस्य विधायक रहे. जिसके बाद 1999 मे तेरहवीं लोक सभा के लिए निर्वाचित हुए.. जिसके बाद वो 1999 से 2000 तक सभा की बैठकों से सदस्यों की अनुपस्थिति संबंधी समिति के सदस्य रहने के साथ ही खाद्य, नागरिक पूर्ति और सार्वजनिक वितरण संबंधी समिति के सदस्य और 2000-2004 तक वो परामर्शदात्री समिति और कृषि मंत्रालय के सदस्य भी रहे. फिर श्री साय 2004 मे वो एक बार फिर चौदहवीं लोक सभा के लिए निर्वाचित हुए. और इस बार वो सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी समिति के सदस्य रहने के साथ ही 5 अगस्त 2007 को जल संसाधन संबंधी समिति के सदस्य के रूप मे अपनी सेवाए दीं.. इसके बाद श्री साय एक बार फिर 2009 मे तीसरी बार लोक सभा चुनाव जीतकर संसद तक पहुंचे.
इस बार 31 अगस्त 2009 को उन्होने वाणिज्य संबंधी समिति के सदस्य के रूप मे कार्य किया. इधर तीन बार सांसद रहे श्री विष्णुदेव साय का संसद तक पहुंचने की सिलसिला नही रूका. और श्री साय 2014 मे चौथी बार लोकसभा के लिए चुने गए.. लिहाजा 20 साल से लगातार सांसद चुने जाने के तौफे के तौर पर श्री साय को 27 मई 2014 को मोदी केबीनेट मे खान, इस्पात तथा श्रम और रोजगार मंत्रालय का केन्द्रीय राज्य मंत्री बना दिया. हालाकि इसके बाद 2019 के चुनाव मे कुछ राजनैतिक समीकरण मे छत्तीसगढ के सभी मौजूदा सांसद को टिकट नही दिया गया. जिसमे विष्णुदेव साय भी बलि का बकरा बन गए. नहीं तो जानकार ये मानते हैं कि अपने समझ, पकड और लोगो के बीच अपनी पाक छवि के कारण विष्णु देव साय पांचवी बार रायगढ से सांसद चुने जाते. बहरहाल अब भाजपा के राष्ट्रीय संगठन ने विष्णुदेव साय को एक बार फिर छत्तीसगढ प्रदेश भाजपा की कमान सौंपी है.. तो ऐसे मे देखना दिलचस्प होगा कि 20 साल तक सांसद रहने वाले विष्णुदेव साय.. तीसरी बार प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद विपक्षी दल के अध्यक्ष का कार्यालय कैसे पूरा करते हैं.