सूरजपुर। शादी विवाह का सीजन नज़दीक आते ही बाल विवाह का दौर शुरू हो गया है..और प्रशासन भी बाल विवाह रोकने शुरुआत से ही सजग दिख रही है। सूरजपुर कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश पर महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी मुक्तानंद खुटे ने अपने विभागीय अमला को बाल-विवाह को सजगता से रोकने के निर्देश जारी किये है। जिसके बाद संयुक्त टीम काफी सजग है..और वर्तमान में संयुक्त टीम ने तीन नाबालिक बालिका समेत 4 बाल विवाह रोके है।
दरअसल जिले का दूरस्थ क्षेत्र ओड़गी विकासखण्ड के करौटी (बी) में एक 15 वर्षीय बालिका एवं 20 वर्षीय बालक के बाल विवाह की सूचना टीम को मिली थी। जिसमें तत्काल एक्शन लेते हुए जिला बाल संरक्षण इकाई की संयुक्त टीम, ओड़गी परियोजना अधिकारी, चेन्द्रा चौकी प्रभारी, चाईल्ड लाईन की टीम गांव में पहुंची। जहां पर 15 वर्षीय बालिका को कहीं अन्य जगह भेज दिया गया था और उसके पिता भी कहीं और गए हुए थे। समझाईस देने पर दोनों टीम के समक्ष उपस्थित हुए..और परिजन भी इस विवाह को बालिका के 18 वर्ष पूर्ण होने के बाद करने को सहमत हुए, वही उसी ग्राम का एक 20 वर्षीय बालक का मण्डप लगा हुआ था. उसे भी समझाईस दी गई की बालक 21 वर्ष पूर्ण किये बिना विवाह नहीं कर सकता। बालक बीएससी का छात्र है। समझाईस पर घर वाले अपने मण्डप को उखाड़ दिये और विवाह नहीं करने का संकल्प लिया।
बाल विवाह रोकने में जिला बाल संरक्षण इकाई से मनोज जायसवाल, जैनेन्द्र दुबे, अंजनी साहू एवं पवन धीवर, महिला एवं बाल विकास विभाग परियोजना अधिकारी ओड़गी, निलांजना प्रजापति एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, चेन्द्रा चौकी प्रभारी एलपी गुप्ता, बमबल चैधरी, चाईल्ड लाईन ओड़गी से राधा यादव, कुमारी अनवरी खातुन उपस्थित थे।