अध्यात्म डेस्क. आज मौनी अमावस्या है. माघ मास में पड़ने वाली इस अमावस्या को माघी अमावस्या भी कहते हैं. यहां मौनी शब्द का अर्थ है मौन रहने से..इसलिए इस दिन कई लोग मौन भी रखते हैं. इस दिन स्नान और दान का बहुत महत्व है. उत्तरी भारत में इसे बहुत उत्साह से मनाया जाता है. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में इस दिन संगम पर स्नान करने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती है.
इस दिन कौड़ी, रोगियों और गरीब लोगों को लोग खाना खिलाते हैं. स्नान और दान के लिहाज से हिंदु पंचाग में माघ मास सबसे अच्छा मास माना गया है. ऐसी भी मान्यता है कि माघ मास में जप, तप, स्नान और दान करने से भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न होते हैं. वहीं स्नान करना इसलिए पवित्र माना गया है..क्योंकि कहा जाता है कि इस दिन स्वर्ग लोक के सारे देवी-देवता गंगा में वास करते हैं. इससे आपके सभी पाप धुल जाते हैं. इस दिन पितृों का तर्पण भी करते हैं. कहते हैं इस दिन पितृ प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं.
इस दिन ब्रह्मदेव और गायत्री का भी पूजन विशेष फलदायी होता है. माना जाता है कि मौनी अमावस्या से ही द्वापर युग का शुभारंभ हुआ था. यह भी कहा जाता है कि इस दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ था. जिसके कारण इस दिन को मौनी अमावस्या के रूप में मनाया जाता है.
मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त
अमावस्या तिथि प्रारम्भ – सुबह 2 बजकर 17 मिनट से (24 जनवरी 2020)
अमावस्या तिथि समाप्त- अगले दिन सुबह 3 बजकर 11 मिनट तक (25 जनवरी 2020)