महिलाओं की सुरक्षा के कड़े कानूनों पर काफी जोर दिया जाता रहा है. लेकिन चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एच एल दत्तू ने कहा कि सिर्फ कड़े कानून यौन हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा नहीं कर सकते और इस समस्या के समाधान के लिए समग्र और व्यवस्थित रुख अपनाना होगा.
दत्तू ने कहा कि यौन हिंसा चिंता का विषय है और अगर देश को इस समस्या से निबटना है तो देश को तत्काल प्रभाव से कदम उठाने पड़ेंगे. इस बात की उम्मीद करना कि कड़े कानून यौन हिंसा को कम करेंगे, ठीक उसी तरह से है जैसे गंभीर चोट पर बैंड एड लगाना.
दत्तू ने यह बातें ‘अंतरराष्ट्रीय महिला अधिवक्ता महासंघ’ के 35वें सम्मेलन के उद्घाटन के मौके पर कहीं. उन्होंने कहा कि हमारा समाधान कड़े कानून तक सीमित नहीं हो सकता. केवल कड़े कानून यौन हिंसा से महिलाओं की रक्षा नहीं कर सकते. युवा लड़के और लड़कियों को लैंगिक अधिकारों के बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए.