जशपुर.. छत्तीसगढ़ एक आदिवासी बाहुल्य प्रदेश है.. और इस प्रदेश में कुपोषण ने भी अपने पांव पसार रखे है..जिसके चलते वनांचल के कुपोषित बच्चे सही समय पर उपचार नही मिलने से असमय काल के गाल में समा रहे है..वैसे तो भूपेश सरकार ने भी कुपोषण से लड़ने मुहिम छेड़ रखी है..और कुपोषित बच्चो के लिए सरकार ने एक पॉयलट प्रोजेक्ट भी तैयार किया है..जिसे वर्तमान समय मे बस्तर संभाग के दो जिलो में चलाया जा रहा है..और अगले महीने से मुख्यमंत्री के इस प्रोजेक्ट को समूचे छत्तीसगढ़ में लागू किये जाने की कार्ययोजना बनाई गई है..वही आदिवासी बाहुल्य सरगुजा के जशपुर में कुपोषण से लड़ने का मन शिक्षा विभाग के एक बीईओ ने बना लिया है..और उसके किये उन्हें किसी सरकारी मदद की दरकार भी नही है..
बता दे कि जिले के बगीचा विकासखंड के ब्लाक शिक्षा अधिकारी(बीईओ)एमआर यादव ने कुपोषण मुक्ति का सपना देखा है..और वे इस मुहिम में लगे हुए..बीईओ यादव ने यह सराहनीय पहल करते हुए यह ऐलान किया है कि..वे कुपोषित बच्चों के लिए अपने एक दिन का वेतन महीने में एक बार खर्च करेंगे ..जिसकी शुरुआत उन्होंने शनिवार को कोरवा जनजाति बाहुल्य ग्राम चुंदापाठ के प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला से सामूहिक स्तर पर की है..
बीईओ यादव पहले तो बच्चो के बीच पहुँचे ..और उनसे उनकी समस्याओं को सुनी.. उनकी जिज्ञासाओ को शांत किया..और उसके बाद स्कूली बच्चों के साथ बैठकर भोजन किया..
वही शिक्षा विभाग के एक अधिकारी के इस पहल से कुपोषित बच्चों को जहाँ एक ओर कुपोषण से लड़ने में मदद तो मिलेगी ही..इसके अलावा भी वे अन्य शिक्षकों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत भी बनेंगे..