अम्बिकापुर. केंद्र सरकार द्वारा 370 के सन्दर्भ में लिया गया निर्णय अत्यंत दूरगामी परिणाम वाला, देश की व्यवस्था को बुनियादी रूप से प्रभावित कर देने वाला निर्णय साबित हो सकता है. जिस निर्णय में केंद्र सरकार ने एक सिंपल मेजोरिटी के माध्यम से पार्लियामेंट में मेजोरिटी के माध्यम से संघीय व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया है. जम्मू और कश्मीर एक राज्य के रूप में जब बना था. राजाओं के साथ संधि और तत्कालीन विधानसभा के साथ प्रस्ताव पारित करके जम्मू और कश्मीर राज्य का गठन हुआ था. इस निर्णय ने इस आधार पे की वर्तमान में वहां पर विधानसभा विद्यमान नहीं है. इसलिए विधानसभा की शक्तियां लोकसभा में और पार्लियामेंट में विद्यमान हो गई है. उन्होंने एक ऐसा निर्णय ले लिया है. जिस निर्णय की पृष्टभूमि में भविष्य में छत्तीसगढ़ को भी भंग किया जा सकता है. आप छत्तीसगढ़ में राष्ट्रपति शासन लागू कर दीजिये. और फिर निर्णय ले लीजिये की छत्तीसगढ़ वापस मध्यप्रदेश में शामिल हो गया है. आप राष्ट्रपति शासन लागू कर दीजिये. क्यूंकि वहां केवल विधानसभा नहीं होनी चाहिए. और उस राज्य के जिस स्वरुप को आपको खंडित करना है. आप कर सकते हैं. ये हमारे पूर्वजों के द्वारा, संविधान के निर्माताओं के द्वारा जो संविधान बनाया था. उसके ऊपर बहुत बड़ा आघात है. और देश में भविष्य में आने वाले समय में ऐसी सरकार में रहने वाले लोगों की, ऐसी मानसिकता वाले लोगों से पुरे संघीय ढांचे के भविष्य को और उसके आधार को खतरा है. आप सोचिये की आज जम्मू और कश्मीर एक राज्य नहीं रह गया. अब ये संघ प्रशासित एक इकाई हो गई है. एक यूनियन टेरेटरी हो गई है. कल छत्तीसगढ़ हो सकता है, परसों मध्य प्रदेश हो सकता है. तीसरे दिन कर्नाटक हो सकता है. चौथे दिन उत्तर प्रदेश हो सकता है. और ऐसी व्यवस्था का हम सब विरोध करते है, और चाहेंगे की ये निर्णय वापस लिए जाये.
सूबे के स्वास्थ्य मंत्री ने अपने फेसबुक वॉल पर जबसे ये वीडियों अपलोड किया है.. तब से लोग उनके कमेंट बॉक्स पर तरह तरह की भडास निकाल रहें हैं.. नीचे देखिए कुछ कमेंट…