रायपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..समूचा प्रदेश आज विश्व आदिवासी दिवस के रंग में सराबोर था..आदिवासी बाहुल्य छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के अस्तित्व में आते ही ..मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में 9 अगस्त को सरकारी छुट्टी का ऐलान किया था..और मुख्यमंत्री के उस ऐलान के बाद लोगो मे उत्साह झलक देखने को मिली थी..वही आज मुख्यमंत्री ने आदिवासी समुदाय से जुड़ा एक और बड़ा ऐलान किया है..और वह यह है कि फर्जी आदिवासी बन सरकारी नौकरियों में पदस्थ नौकरशाहों की बेदखली की ..
दरअसल मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है..की प्रदेश के सरकारी विभागों में फर्जी आदिवासी बन पदस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को अब बेदखली का रास्ता दिखाया जाएगा..और ऐसे लोगो के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी..
जानकारी के मुताबिक प्रदेशभर में लगभग 10 हजार लोग ऐसे है..जो फर्जी प्रमाण पत्रों के ज़रिए आदिवासी कोटा की सीटो पर काबिज है..और नौकरी कर भी रहे है..धीरे -धीरे अब प्रदेश सरकार ऐसे लोगो विरुद्ध एक्शन लेने की मूड में दिख रही है..
बता दे कि मुख्यमंत्री ने आज बगैर किसी राजनीतिक प्रतिद्वंदी का नाम लिए..पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की ओर इशारा करते हुए कहा कि..कुछ लोग फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए भी राजनीति में सुमार है..हालांकि सीनियर जोगी का जाति प्रकरण अभी हाईकोर्ट में लंबित है..
वही मुख्यमंत्री ने बस्तर के कोंडागांव के विश्व आदिवासी दिवस के मंच से अधिकारियों को निर्देशित किया है..की फर्जी जाति प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी करने वाले गैर आदिवासियों को चिन्हित कर नौकरी से बेदखल किया जाए..और उनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए..