अंबिकापुर में पिछले 48 घंटों में 100 मिमी से भी ज्यादा बारिश दर्ज की जा चुकी है। सरगुजा के पहाड़ी इलाकों में हो रही लगातार बारिश की वजह से यहां के नदी और नाले उफान पर हैं। लगातार हो रही बारिश से अंबिकापुर का घुनघुट्टा बांध भी खतरे के निशान तक पहुंच गया है। बांध के ओवरफ्लो होते देख इसके चार गेट खोल दिए गए हैं। बांध के गेट खोलने से सूरजपुर जिले की रेण नदी का जल स्तर भी बढ़ गया है।
अंबिकापुर और आस पास के इलाकों में हो रही लगातार बारिश ने यहां का जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है। लगातार हो रही बारिश से संभाग का सबसे बड़ा बांध भी ओवरफ्लो होने लगा है। एसी स्थिति में बांध के चार गेट खोलने पड़े हैं, संभावना जतायी जा रही है कि बारिश का असर रहा तो एक और गेट खोला जा सकता है। घुनघु्ट्टा बांध में कुल आठ गेट हैं।
घुनघुट्टा बांध से पानी छोड़े जाने पर अंबिकापुर के दर्जनों गांवों के साथ ही सूरजपुर जिले के कई गांव भी प्रभावित होंगे। बांध का पानी सीधे जाकर रेंण नदी में मिलता है और इससे नदी का जल स्तर भी बढ़ जाएगा जिससे नहरों के किनारे रहने वाले प्रभावित होंगे। घुनघुट्टा बांध से सरगुजा जिले के 63 गांवों को सिंचाई के लिए पानी मिलता है, लेकिन जब स्थिति बाढ़ की होती है तो इन्ही गांवों को सबसे ज्यादा नुकसान भी पहुंचता है।
घुनघुट्टा बांध के सहायक फीडर लालचंद के अनुसार “अभी 581 के लेवल पर है, चारों गेटों को एक एक मीटर खोला गया है, जिस तरह से बारिश हो रही है उससे और गेट खोलना पड़ सकता है, अभी इसका जल स्तर और बढ़ेगा, एक दर्जन से ज्यादा गांव प्रभावित होंगे, सूरजपुर जिला भी प्रभावित होगा, रेंण नदी भी प्रभावित होगी। ”