बलरामपुर (कृष्णमोहन कुमार)जिले में जहाँ एक ओर मनरेगा के कार्यो में सरकारी नियमो की खुले आम धज्जियां उड़ाई जा रही है,तो वही गाँव के मजदूर अब दूसरे प्रदेशों में पलायन करने मजबूर है..
दरअसल ये हाल किसी एक पंचायत का नही मसलन जिलेभर की है.. बीते कुछ महीनों से जनप्रतिनिधियों के दवाब और सरकारी अधिकारियों की नाकामी के कारण आये दिन मनरेगा के कार्यो में मजदूरों की जगह मशीनरी का उपयोग आम बात है, स्थानीय मजदूर या तो खड़े होकर कार्य स्थल पर मशीन देखते है या फिर रोजी रोटी के लिए अन्य प्रदेशों में पलायन का मन बना रहे है..
ऐसा ही एक उदाहरण वाड्रफनगर जनपद के पंडरी गांव में सामने आया है ,जहाँ पर मनरेगा के तहत करीब 20 लाख का पुलिया निर्माण का कार्य चल जारी है ,और इस कार्य की कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत है..लेकिन सत्तापक्ष के बल्ले -बल्ले की स्कीम मनरेगा के तहत इस कार्य को स्थानीय भाजपा के मंडल अध्य्क्ष विनोद जायसवाल जो कि प्रदेश के कद्दावर मंत्री और क्षेत्रीय विधायक के काफी करीबी बताये जाते है की देख रेख में कराया जा रहा है..
अब शैय्या भये कोतवाल तो डर काहे का के तर्ज पर जनपद से लेकर जिला पंचायत के अधिकारीयो ने चुप्पी साध रखी है..
“जरूरत मंदो की अनदेखी और राजनीतिक दवाब में बाटे जा रहे है कार्य”
जहाँ एक ओर ग्रामीण ढोढ़ी का पानी पीने को मजबूर है,और उनके उनके लिए कुआ खनन के कार्य की फाइलें सरकारी नियम और कानून के बीच गोते लगा रही है तो वही दूसरी ओर अधिकारीयो पर आरोप लग रहे है ,कि दवाब में आकर जनप्रतिनिधियों को बगैर कार्य स्थल का भौतिक सत्यापन कराये कार्य प्रस्तावित कर दिए जा रहे है..
जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत स्वीकृत कार्यो को 70 फीसदी सत्ता पक्ष और विपक्ष के जनप्रतिनिधि ही करा रहे है ..लिहाजा इन सब मसलो पर प्रशासन की कुर्सी पर बैठे अधिकारी इस पचड़े में फंसने से बचते बचाते नजर आते है…
सरकार ने जब महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना की हितग्राही मूलक योजना के फेहरिस्त में शुरुआत की थी तब यह कहा गया था..की ग्रामीण मजदूरों को सौ से डेढ़ सौ दिन की गांव में ही रोजगार की गारंटी है..लेकिन धरातल पर सौगात बनकर उतरे मनरेगा को तो जनप्रतिनिधियों ने पैसा कमाने का साधन बना लिया..जहाँ विकास कार्य होने है वह तो हो नही रहे है..और जहाँ हो भी रहे है उन विकास कार्यो का जनसरोकार हो ऐसा प्रतीत नही हो रहा है..
देखे वीडियो मनरेगा का मशीनरी करण…