UPSC Success Story, Success Story : राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में एक साधारण परिवार में जन्मे हेमंत की कहानी संघर्ष और सफलता की अनूठी मिसाल पेश करती है। उनकी यात्रा, जो एक आम ग्रामीण से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी बनने तक की है, न केवल प्रेरणादायक है बल्कि यह साबित करती है कि दृढ़ संकल्प और ईमानदारी से की गई मेहनत किसी भी बाधा को पार कर सकती है।
Success Story : परिवार की कठिनाइयों से प्रेरणा
हेमंत का परिवार बेहद साधारण था। उनकी मां मनरेगा मजदूर के रूप में काम करती थीं, जबकि उनके पिता स्थानीय पुजारी थे। एक दिन, हेमंत की मां की दिहाड़ी मजदूरी को लेकर एक अधिकारी से बहस हुई। इस घटना ने हेमंत के जीवन को गहराई से प्रभावित किया। उन्होंने महसूस किया कि यदि वे भी एक अधिकारी बन जाएं, तो उनकी मां और परिवार को भविष्य में कभी ऐसी कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस अनुभव ने उन्हें यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) की परीक्षा देने का संकल्प दिलाया।
Success Story : साधन नहीं, संकल्प जरूरी
बेशक, समाज में यह धारणा प्रचलित है कि देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा को पास करने के लिए अच्छे संसाधनों की जरूरत होती है। लेकिन हेमंत ने इस धारणा को झूठा साबित कर दिया। उन्होंने यह साबित कर दिया कि सफलता के लिए सिर्फ संसाधनों की नहीं, बल्कि मजबूत हौसले और कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है। हेमंत ने अपनी मेहनत और लगन से यह सिद्ध कर दिया कि परिस्थितियां चाहे जैसी भी हों, अगर आत्मविश्वास और संघर्ष की भावना मजबूत हो, तो सफलता अवश्य मिलती है।
Success Story : प्रारंभिक चुनौतियाँ और संघर्ष
हेमंत की जीवन यात्रा आसान नहीं रही। वे एक साधारण परिवार से थे और अंग्रेजी में कमजोर होने के कारण कई बार असफल हुए। उनके लिए यूपीएससी की तैयारी एक कठिन चुनौती थी। उनके द्वारा किए गए प्रयास और संघर्ष की कहानी विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। हेमंत ने अपनी शुरुआत जोबनेर की एसकेएन एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से की, जहां उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की, बावजूद इसके कि उनका अंग्रेजी में प्रदर्शन कमजोर था।
उनके लिए यूपीएससी की तैयारी आसान नहीं थी, और पहले प्रयास में निराशा का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने हार मानने के बजाय, दूसरी बार पूरी ताकत से परीक्षा की तैयारी की और सफलता प्राप्त की। हेमंत ने यूपीएससी सीएसई 2023 में 884वीं रैंक हासिल की। उन्होंने लिखित परीक्षा में 792 अंक और साक्षात्कार में 120 अंक प्राप्त कर कुल 912 अंक प्राप्त किए।
Success Story:कोचिंग के बिना सफलता की कहानी
हेमंत की सफलता की कहानी में एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि उन्होंने किसी भी कोचिंग संस्थान की मदद नहीं ली। उनके पास कोचिंग के लिए आवश्यक पैसे नहीं थे। इसके बावजूद, उन्होंने डिजिटल मीडिया और इंटरनेट की मदद से अपनी तैयारी की और यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त की। इस तथ्य ने यह साबित कर दिया कि अगर इच्छाशक्ति मजबूत हो और संसाधनों की कमी हो, तो भी सफलता संभव है। हेमंत ने अपने बलबूते पर ही इस कठिन परीक्षा को पास किया और अपने परिवार को गर्व का मौका दिया।
Success Story : परिवार की खुशी
हेमंत के यूपीएससी परीक्षा के परिणाम आने के बाद, उनके परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं था। उनके पिता को हेमंत के परिणाम पर विश्वास नहीं हो रहा था, जबकि उनकी मां खुशी के आंसुओं से रो रही थीं। यह पहली बार था जब हेमंत ने अपनी मां को दुख की बजाय खुशी के आंसू बहाते देखा। इस खुशी के पल ने उनकी कड़ी मेहनत और संघर्ष की सफलता को प्रमाणित किया।
हेमंत की कहानी एक सच्चे प्रेरणा स्रोत की है। उनकी यात्रा यह साबित करती है कि कठिन परिस्थितियों, साधनों की कमी और असफलताओं के बावजूद, अगर संकल्प और मेहनत दृढ़ हो, तो किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है। हेमंत ने अपने संघर्ष और कड़ी मेहनत से यह सिद्ध किया कि सफलता केवल संसाधनों की नहीं, बल्कि दृढ़ता और आत्म-विश्वास की आवश्यकता होती है। उनकी सफलता की यह कहानी सभी उन लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो अपनी कठिनाइयों और चुनौतियों के बावजूद अपने सपनों को साकार करने की कोशिश कर रहे हैं।