दतिया. कभी कुदरत भी विचित्र रचना पैदा कर देती है। मध्यप्रदेश के दतिया के राखरा ग्राम में एक शख्स ऐसा है जिसने अपनी पूरी जिंदगी दूध पीकर गुजार दी है। अगर ये शख्स दूध के अलावा जरा सा कुछ खा ले या पी ले तो उसे तत्काल उल्टी हो जाती है।
दतिया भिंड के बॉर्डर के पास स्थित राखरा ग्राम के जगमोहन कौरब, जो कोई भी इस शख्स के खाना पीना के बारे में सुनता है दांतों तले उंगली दबा लेता है। राखरा ग्राम के इस शख्स ने अपनी पूरी जिंदगी दूध पीकर गुजार दी है। अगर ये शख्स दूध के अलावा जरा सा कुछ खा ले जैसे बिस्किट का टुकड़ा, रोटी, सब्जी, सलाद खा ले या जूस चाय या कुछ भी खा ले तो उसे तत्काल उल्टी हो जाती है।
राखरा गांव के ये जगमोहन कौरब 45 साल से अधिक समय से केवल दूध पीकर जिंदा है, बचपन में उसने दूध पीना शुरू किया और माता पिता ने रोटी आदि नहीं खिलाई, जब इसने कुछ दिनों तक कुछ नहीं खाया, तो फिर कुछ सब हजम होना बंद हो गया, और फिर कुछ नहीं खा पाया और अगर कुछ खाने की कोशिश की तो उल्टी हो गई ।
जगमोहन का कहना है कि अकेले दूध पीने से उसने न तो कभी कमजोरी महसूस की और न ही बीमार पड़ा, रिश्तेदारी में भी जहां जाता हूं दूध मिल जाता है अगर नहीं मिलता है तो पानी से काम चला लेता हूं।
जगमोहन के रिश्तेदार रामप्रकाश बताते है कि जगमोहन भले ही अकेले दूध पीता है लेकिन उसे कभी कोई परेशानी नहीं आई, डॉक्टरों का मानना है कि जगमोहन के परिजनों ने बचपन में कुछ खिलाया नहीं इसलिए ये स्थिति बनी, लेकिन दूध कंप्लीट फूड है इसलिए उसका काम चल जाता है।
भांडेर अस्पताल के डॉक्टर आर एस परिहार बताते हैं कि कभी कभी कुदरत अपना करिश्मा दिखाने के लिए ऐसी रचना पैदा कर देती है, जो विज्ञान को हैरान कर देती है। राखरा गांव के जगमोहन कौरब कुदरत की ऐसी रचना है जो विचित्र है किंतु सत्य है।