EXCLUSIVE : वीडियो में देखें…खतरनाक डेम के बहाव में डूब कर जाते है बच्चे स्कूल…

अंबिकापुर आज हम आपको दिखाने जा रहे है जिले के बड़ादमाली गाँव की तस्वीर.. जिसे देखने के बाद लगता है की जिले की सर्व शिक्षा अभियान और साक्षर भारत कार्यक्रम की टीम ने वाकई लाजवाब काम किया है जिसके लिए उन्हें इस वर्ष नई दिल्ली में सम्मानित भी किया गया.. लेकिन इसके अलावा जिले के वो विभाग जिन पर गांवो के विकाश की जिम्मेदारी है वो कुम्भ्कर्नीय नींद में सोये हुए है.. ऐसा हम इस लिए कह रहे है क्योकी यहाँ के बच्चे पढ़ते है पढ़ाई के प्रति इतना जागरूक कर दिया गया है की वो हर हाल में स्कूल जाना चाहते है.. जाहिर है की जागरुकता का काम जिस विभाग के काम है उसने अपना काम बखूबी किया है.. बच्चे पढ़ाई के लिए इतने जागरूक है की उन्हें इस बात की भी चिंता नहीं की इस खतरनाक खेल में उनकी जान भी जा सकती है…

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लेकिन क्या करे सरकारे कहती है की पढेगा इंडिया तभी तो बढेगा इण्डिया… और बढ़ने की चाहत में इन गांवो के बच्चे अपनी जान जोखिम में डाल कर पानी से लबालब भरे हुए डेम को पार कर स्कूल जा रहे है.. इस वीडियो में आप देख सकते है की स्कूली बच्चे तेज बहाव वाले पानी में डूब कर डेम को पार कर रहे है.. और इनकी वेश-भूषा बता रही है की इन्हें स्कूल जाना है.. बहरहाल बच्चों के ज़ज्बे को सलाम है जो इतना जोखिम लेकर भी स्कूल जा रहे है..

लेकिन धिक्कार तो उन नेताओं और अधिकारियों पर है जिन्हें शायद आजादी के इतने वर्षो बाद भी इन बच्चो का दर्द नहीं दिखा.. दरअसल इस क्षेत्र में एक स्कूल बड़ादमाली गाँव में है जहाँ पसीना पानी, परसा कछार, महुआ भौना, गाँव के बच्चे पढ़ते है लेकिन इन बच्चो के स्कूल तक पहुचने के लिए कोई सड़क नहीं है.. लिहाजा हर मौषम में बच्चे डेम को पार कर स्कूल जाते है… लेकिन बारिश के मौषम में इस डेम को पार करना.. अपनी मौत को दावत देने जैसा है वीडियो देख कर आप खुद ही अनुमान लगा लिए होंगे की अगर आपको एक दिन भी इस डेम को पार करना होता तों आपकी मनोव्यथा क्या होती.. लेकिन ये बच्चे रोज इस खतरनाक कारनामे को अंजाम दे रहे है..
गाँव के विकाश के लिए जिम्मेदार महिला सरपंच अपनी बेबसी का किस्सा सुनाते हुए कहती है.. प्रस्ताव बना कर भेजे है लेकीन कुछ नहीं हुआ.. इसके लिए कौन जिम्मेदार है उन्हें यह भी नहीं पता.. खैर अशिक्षित जन प्रतिनिधी जिसे कुछ पता ही नहीं है की कौन जिमेदार है उसके लिए हम और आप कर भी क्या सकते है.. देश में सीटें आरक्षित है और आरक्षित लोग गाँव के मुखिया है.. लेकिन विकाश का कोई आरक्षण नहीं है….