बलरामपुर- (कृष्ण मोहन कुमार) देश के प्रधानमंत्री की आवासहीन गरीबो को घर देने की स्कीम अब कमीशनखोरी के भेंट चढ़ रही है,जिम्मेदार अधिकरियो की शह पर इस योजना का लाभ दिलाने के नाम पर बिचौलिये भी सक्रिय हो गए है, वही ग्रामीणों की शिकायत पर स्थानीय प्रशासन जांच करने के बाद कार्यवाही का अस्वासन दे रहा है।
बलरामपुर के दुरस्त क्षेत्र में बसे बंग समुदाय बहुल्य ग्राम सागरपुर के ग्रामीणों का आरोप है,की सरपंच सचिव लोगो को प्रधानमंत्री आवास दिलाने के नाम पर इन दिनों ठगी के कारोबार में लिप्त है,ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत सचिव ने उन्हें सरपंच के शह पर प्रधानमंत्री आवास दिलाने ग्रामीणों से पैसे उगाही की दुकान खोल रखी है,और कमीशन नही देने वाले पात्र हितग्राहियो को बिना कारण बताए अपात्र घोषित कर दिया जा रहा है,और मोटे रकम लेकर अपात्र हितग्राहियो को पात्र बना दिया गया है,जबकि हकीकत में इस महत्वकांक्षी योजना का लाभ लेने वाले हितग्राही इस योजना के लाभ से वंचित है।
देश के प्रधानमंत्री ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले आवासहीन गरीबो को घर देने की मंशा से प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की थी,और इस योजना में वर्ष 2011 के सर्वे सूची में गरीबी रेखा से नीचे आने वाले लोगो को इस योजना के लिए पात्र माना गया था ,बावजूद इसके ग्राम सागरपुर के सचिव ने योजना का लाभ दिलाने के नाम पर जमकर रुपयों की ठगी का खेल खेला,और प्रधानमंत्री योजना आवास योजना के तहत जारी सूची को भी ग्राम पंचायत में प्रदर्शित नही किया। वही अधिकारियों के फरमान के बाद गांव में अपनी सक्रियता दिखाते हुए लोगो से प्रधानमंत्री आवास के नाम पर गड्ढे भी खुदवाये गए लेकिन कमीशन की राशि नही मिलने पर अपात्र घोषित कर दिया।
प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत हितग्राहियों को तीन किस्तो में एक लाख बयालीस हजार रुपये का भुगतान हितग्राही के बैंक खाते पर किया जाता है,और उसमें भी ग्राम सचिव नामक ग्रह, ग्रहण की तरह लग कर कमीशन की वसूली कर रहे है, वही बलरामपुर जनपद के जिम्मेदार अधिकारी इस पूरे मसले पर बचते नजर आ रहे है।
वही बलरामपुर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने इस पूरे मामले में अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें मीडिया के माध्यम से यह जानकारी मिली है,और वे इस मामले की जांच के लिए टीम गठित कर ग्राम सागरपुर भेजेंगे।
सरकार देश मे व्याप्त गरीबी जैसी समस्या को समाप्त करने तरह -तरह की योजनाए बनाती है,और लांच भी करती है,बावजूद इसके इन सब जनकल्याणकारी योजनाओ को क्रियान्वित करने वाले कार्य एजेंसी की लापरवाही के चलते ये सब महत्वकांक्षी योजनाए अधर में लटक जाती है,और इन्हें क्रियान्वित करने वाले जिम्मेदार अफसर अपनी जेबें गर्म कर योजना ही भूल जाते है,ऐसे में सरकार की इन योजनाओं का मूल धरातल में उतरना सम्भव नजर नही आता है।