Arvind Kejriwal, Delhi Liquor Scam, CM Kejriwal Bail, Supreme Court : दिल्ली शराब घोटाला केस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने का निर्णय लिया है। इस मामले को तीन जजों वाली बेंच को भेजा गया है, जिससे केजरीवाल की गिरफ्तारी की चुनौती पर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया जा सके।
इस बीच, केजरीवाल को अभी जेल से बाहर आने की अनुमति नहीं मिली है क्योंकि उन्हें सीबीआई के मामले में न्यायिक हिरासत में रहना पड़ेगा। इसका मतलब है कि उन्हें जेल से बाहर आने के लिए पहले सीबीआई मामले में भी जमानत प्राप्त करनी होगी।
Arvind Kejriwal :सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई और फैसला
दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में ईडी की गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस चुनौती पर आज सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय सुनाया। इस दौरान अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी और ईडी के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता अदालत में मौजूद थे। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तीन महत्वपूर्ण सवालों को तय किया और इसे बड़ी बेंच के समक्ष भेज दिया।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसकी अध्यक्षता जस्टिस संजीव खन्ना कर रहे थे, ने 17 मई को अरविंद केजरीवाल की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस पीठ में न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता भी शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर ईडी से जवाब मांगा था।
Arvind Kejriwal : आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया
आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट के नौ अप्रैल के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखते हुए कहा था कि इसमें कोई अवैधता नहीं है और जांच में उनके शामिल होने से बार-बार इनकार करने के बाद ईडी के पास कोई विकल्प नहीं बचा था। इसके बाद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी।
Arvind Kejriwal : ईडी और सीबीआई की कार्रवाई
अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद, एक निचली अदालत ने उन्हें 20 जून को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी थी। हालांकि, ईडी ने इस जमानत के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की थी और दलील दी थी कि निचली अदालत का जमानत देने का आदेश एकतरफा और गलत था।
इसके बाद, अरविंद केजरीवाल को 26 जून को सीबीआई ने भी गिरफ्तार किया। सीबीआई का यह मामला कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित था। इसके चलते, केजरीवाल को दो अलग-अलग एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किया गया है, जिससे उनकी कानूनी स्थिति और अधिक जटिल हो गई है।
Arvind Kejriwal : भविष्य की दिशा
सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले को बड़ी बेंच के पास भेजे जाने से यह साफ है कि इस केस की कानूनी प्रक्रिया में और भी महत्वपूर्ण मोड़ आ सकते हैं। तीन जजों वाली बेंच के समक्ष मामले का सुनवाई होना, यह दर्शाता है कि इस मामले को लेकर न्यायालय गंभीरता से विचार करेगा और इसका अंतिम निर्णय व्यापक असर डाल सकता है।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से मिली अंतरिम जमानत अरविंद केजरीवाल के लिए राहत की बात है, लेकिन उन्हें सीबीआई मामले में भी जमानत प्राप्त करनी होगी, जो उनकी तत्काल राहत को प्रभावित कर सकती है।
इस पूरे मामले की निगरानी और सुनवाई के दौरान, दिल्ली की राजनीति, सरकारी तंत्र, और जनसाधारण की निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी रहेंगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में कानून का शासन किस दिशा में आगे बढ़ता है और इसके परिणाम किस प्रकार से सामने आते हैं।