अम्बिकापुर- देश दीपक “सचिन”
बुधवार को शहर में हाथियों की आमद के बाद से मची अफरातफरी के बाद वन विभाग की टीम ने बीती रात सांडबार के जंगल से रवाना किया था। जिसके बाद ये कयास लगाए जा रहे थे की हाथी लखनपुर चेन्द्रा के जंगलों में चले गए है। लेकिन वन विभाग का ये अनुमान गलत निकला। हाथी सांडबार जंगल से भाग कर लालमाटी के जंगलों में आ गए थे इसकी खबर हमारे सूत्रों से दोपहर से ही आ रही थी की लालमाटी के पहाड़ के पीछे हाथियों का झुण्ड है। और शाम होते ही ये झुण्ड लालमाटी पहुच गया और वहां लगे केले के पेड़ से अपनी भूख मिटा रहा है। बहरहाल दहशत के साए में जी रहे शहर वासियों के लिए राहत की खबर यह है की लालमाटी से हाथियों को आसानी से रन घाघ के जंगलों में भगाया जा सकता है। जहां पर हाथियों के भोजन और पानी की बेहतर व्यवस्था है।
जी.बी.राम रेंजर लुंड्रा
लुंड्रा वन परिक्षेत्र के रेंजर जी बी राम ने बताया की बाकी जगह की खबरे अफवाह है 11 हाथियों का दल लालमाटी में ही है और वहां लगे केले के पेड़ खा रहा है। उन्होंने यह भी कहा की हाथियों का लालमाटी आ जाने से इन्हें रनघाघ के जंगल में आसानी से भेजा जा सकता है। जहाँ पर हाथियों के खाने पीने का पर्याप्त साधन है 1 माहीने तक हाथी उस जंगल से नहीं निकलेंगे।