
– मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने दी बधाई
रायपुर। छत्तीसगढ़ के कोण्डागांव जिले की होनहार बालिका रंजीता कोरेटी ने ताइपे (ताईवान) में आयोजित एशियन कैडेट जूडो चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत और छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ाया है। छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद के बालगृह बालिका कोण्डागांव में निवासरत रंजीता ने विभिन्न देशों की प्रतिभावान खिलाड़ियों को पराजित कर यह ऐतिहासिक सफलता अर्जित की।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रंजीता की इस गौरवपूर्ण उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए उसे हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह जीत न केवल कोण्डागांव बल्कि पूरे राज्य के लिए गर्व का विषय है। रंजीता जैसी प्रतिभाशाली बेटियाँ छत्तीसगढ़ की पहचान को वैश्विक स्तर तक ले जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार बेटियों को हर संभव सहयोग, प्रशिक्षण और मंच उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने भी रंजीता को स्वर्ण पदक प्राप्त करने पर बधाई देते हुए कहा कि यह सफलता नारी सशक्तिकरण और खेल क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की प्रतिभा का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा रंजीता को प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और संसाधन उपलब्ध कराकर उसकी प्रतिभा को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई है।
रंजीता की इस सफलता के पीछे जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग और बालगृह की निरंतर मेहनत, प्रेरणा और सहयोग रहा है। खेलों के प्रति उसकी रुचि को पहचानते हुए उसे आईटीबीपी के माध्यम से विशेष प्रशिक्षण दिलवाया गया। वर्ष 2021 में चंडीगढ़ में ओपन नेशनल जूडो टूर्नामेंट से शुरू हुई उसकी यात्रा में उसने राष्ट्रीय स्तर पर ब्रॉन्ज, सिल्वर और कई गोल्ड मेडल अपने नाम किए।
राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के बाद रंजीता ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी भारत का प्रतिनिधित्व किया। अप्रैल 2025 में जॉर्जिया में आयोजित कैडेट यूरोपियन कप में 5वाँ स्थान और उज़्बेकिस्तान के ताशकंद में एशियन कैडेट चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन के बाद अंततः उसने 12 से 15 जुलाई तक ताईवान में आयोजित एशियन कैडेट जूडो चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया।
जनवरी 2023 में रंजीता का चयन भोपाल स्थित स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) में हुआ, जहाँ वह शिक्षा के साथ उच्चस्तरीय जूडो प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है। उसकी यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि यदि प्रतिभा को सही अवसर, मार्गदर्शन और मंच मिले तो बेटियाँ किसी भी मुकाम को हासिल कर सकती हैं।
रंजीता कोरेटी की सफलता छत्तीसगढ़ की बेटियों के लिए प्रेरणा है और यह राज्य की खेल प्रतिभा के उज्ज्वल भविष्य की ओर इशारा करती है।