नई दिल्ली
आईपीएल सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग पर आई जस्टिस मुद्गल समिति की रिपोर्ट बताती है कि भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के गुरुनाथ मयप्पन को सिर्फ चेन्नै सुपर किंग्स का समर्थक और ‘क्रिकेट का शौकीन’ बताने वाला बयान पूरी तरह सही नहीं था। समिति ने मयप्प्न पर धोनी की राय के खिलाफ राय जाहिर की है।
सोमवार को इस रिपोर्ट के कुछ अंश सार्वजनिक किए गए थे जिसमें जांचकर्ताओं ने पुष्टि की है कि मयप्पन चेन्नै टीम का अधिकारी था। समिति के समक्ष पेश हो चुके धोनी ने कहा था कि बीसीसीआई के निर्वासित अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन के दामाद मयप्पन चेन्नै टीम के अधिकारी नहीं हैं।
उच्चतम न्यायालय के सामने रखी गई पहली रिपोर्ट में मुद्गल समिति ने कहा था कि इंडिया सीमेंट्स के प्रतिनिधियों ने कहा है कि मयप्पन के कंपनी में कोई अंश नहीं हैं लिहाजा उन्हें चेन्नै टीम का मालिक नहीं कहा जा सकता।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘एमएस धोनी, एन. श्रीनिवासन और इंडिया सीमेंट्स के अधिकारियों ने कहा कि मयप्पन का चेन्नै सुपर किंग्स के क्रिकेट मामलों से कोई सरोकार नहीं है और वह महज क्रिकेट के शौकीन हैं जो चेन्नै का समर्थन करते हैं।’
संपर्क करने पर न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) मुद्गल ने टिप्पणी करने से यह कहकर इनकार कर दिया कि मामला न्यायालय के विचाराधीन है। उन्होंने कहा, ‘अभी यह मसला न्यायालय के विचाराधीन है लिहाजा मैं टिप्पणी नहीं कर सकता।’
समिति ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में कहा कि मयप्पन अपने होटल रुम में ‘दूसरे व्यक्ति’ से मिलता था। इससे यह नतीजा निकलता है कि पहला व्यक्ति (मयप्पन) दूसरे व्यक्ति से करीबी संपर्क में था।