बिलासपुर..[कृष्णमोहन कुमार]..क्रिकेट खेल ही ऐसा है..की इसकी दीवानगी आज युवा पीढ़ी के सिर चढ़कर बोल रहा है..खासकर आईपीएल प्रीमियर लीग के मैच हो या वर्ल्ड कप का मैच लोग टीवी के सामने से हटते नही है..और तो और क्रिकेट के शौकीन हर गली मोहल्ले में क्रिकेट खेलते आसानी से दिख जाया करते है..लेकिन रविवार की सुबह एक बाउंसर ने अपनी टीम को जिताने अपने जान की बाजी लगाई ..और टीम तो मैच जीत गई..मगर बाउंसर जिंदगी की जंग हार गया!..
दरअसल हुआ यूं कि बिलासपुर के यादव मोहल्ला निवासी काजू यादव क्रिकेट के शौकीन था..और हर रविवार वह अपने युवा साथियों के साथ पीजीबीटी कालेज ग्राउंड में क्रिकेट मैच खेला करता था.मगर उसे क्या पता था..की वह उसकी जिंदगी का आखरी मैच होगा..
बता दे कि काजू यादव की गिनती क्षेत्र में एक उम्दा युवा प्लेयर की रूप में थी..और उसेे उसके साथी बाउंसर कह कर बुलाते थे..प्रत्येक रविवार की तरह ही काजू मैच खेल रहा था.काजू की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया और काजू ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 50 रनों की पारी खेली..काजू की टीम ने8 ओव्हर में 109 रन बनाए..और लक्ष्य का पीछा करने उतरी विपक्षी टीम के खिलाफ काजू चौथे ओव्हर की बॉलिंग कर रहा था.. और इसी दौरान काजू ने बिना रन दिए तीन गेंदों में एक विकेट लिया था..और चौथी गेंद डालने से पहले ही काजू ने अपने साथी खिलाडियों से चक्कर आने की बात कहकर पानी मांगी..जिसके बाद उसे पानी पिलाया गया..और साथी खिलाड़ियों के अस्पताल चलने के कहने पर उसने मना करते हुए घर जाने की इच्छा जताई..तब उसके साथियों ने बीच मे ही खेल रोककर उसे घर छोड़ दिया था..
जानकारी के मुताबिक घर पहुँचने के बाद काजू ने और पानी पी और सो गया..काजू ऐसा सोया की वह अब इस दुनिया मे नही रहा.. काजू को जगाने गई उसकी पत्नी उमा ने पहले उसे उठाने की कोशिश की पर वह नही उठा..तब उसे अस्पताल ले जाया गया..जहाँ डाक्टरो ने उसे मृत घोषित कर दिया..
वही एक ओर काजू(बाउंसर) इस दुनिया से विदा हो गया था..तो दूसरी ओर उसकी टीम ने विपक्षी टीम को महज 85 रनों में ही समेटते हुए जीत का खिताब अपने नाम कर लिया था..काजू के चचेरे ससुर संतोष यादव के मुताबिक काजू हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित था..और वह जल्दी थक जाता था..उसकी शादी साल 2010 में हुई थी..और उसका एक चार साल का बेटा भी है..