पितरों को क्यों चढ़ाने चाहिए काले तिल, जानिए कैसे इस्तेमाल करें और इससे क्या लाभ होता है?

अध्यात्म डेस्क। कहा जाता है पितृ पक्ष में हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं। 15 दिनों तक पितरों को खुश करने के लिए उनका तर्पण किया जाता है और उन्हें खाना खिलाया जाता है। वैसे तो पितरों की पसंद की चीजें भोग में शामिल करनी चाहिए, लेकिन पितरों को कुछ खास चीजें पसंद हैं जिनसे वो खुश होते हैं। इन्ही में से एक चीज है काले तिल। मान्यता है कि काले तिल चढ़ाने से पितर खुश होते हैं और उनका आशीर्वाद आपके परिवार को मिलता है। जानिए कैसे करें काले तिल का इस्तेमाल और इससे क्या फायदा होता है?

पितरों को चढ़ाएं काले तिल

हर कोई श्राद्ध के 15 दिन में अपने पूर्वजों को याद कर उन्हें भोग लगाता है। इससे उन्हें खुशी मिलती है और आपको उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। पितरों को खुश करने के लिए काले तिल का विषेश महत्व माना गया है। काले तिल को आप पानी में डालकर पितरों को तर्पण कर सकते हैं। इससे आपके पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलेगी और उनकी कृपा आपके ऊपर रहेगी।

कैसे चढाएं काले तिल

आप चाहें तो उन्हें हव्य देते वक्त यानि हवन के दौरान अग्नि में भी काले तिल की आहुति दे सकते हैं। आप काले तिल से बनी कोई मीठी चीज भी उनके लिए चढ़ा सकते हैं। इससे घर में समृद्धि होगी और आपके पितर खुश होंगे। अर्यमा देव को पितरों का देव कहते हैं जो तिल चढ़ाने से खुश हो जाते हैं।

काले तिल का महत्व

वैसे तो तिल चाहे सफेद हों या काले दोनों ही स्वास्थ्य के लिए अच्छे माने जाते हैं, लेकिन पूजा-पाठ में ज्यादातर काले तिल का उपयोग किया जाता है। काले तिल को आप खा भी सकते हैं। काले तिल बालों के लिए भी बहुत फायदेमंद माने जाते हैं। काले तिल में पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स और भरपूर एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। काले तिल खाने से खराब कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है। हार्ट के लिए भी काले तिल फायदेमंद होते हैं।