सीहोर:- मध्यप्रदेश के सीहोर जिले (Sehore) में भगदड़ के हालात बन गए हैं। रुद्राक्ष लेने आए श्रद्धालुओं में महाराष्ट्र (Maharashtra) के 3 साल के बच्चें की तबीयत खराब होने से अचानक मौत (Death) हो गई। वही बताया जा रहा है कि 24 घंटे में दो महिलाओं की भी मौत हो गयी हैं। इस भीड़ में 70 लोग घायल बताये जा रहे हैं। ये जानकारी जिला अस्पृल में लगयी सूचना पटल पर लगी मिली।
मृतक बालक का नाम अमोघ भट्ट, पिता विनोद भट्ट है, जो कि महाराष्ट्र के जलगांव (Jalgaon) का निवासी है।
बता दे कि, सीहोर जिले के ग्राम चितावलिया हेमा में पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) के कुबेरेश्वर धाम (Kubereshwar Dham) में रुद्राक्ष महोत्सव (Rudraksh Mahotsav) और शिव पुराण कथा चल रहा है। एक रिपार्ट के मुताबिक पहले दिन रुद्राक्ष लेने तकरीबन 10 लाख लोग पहुँच गए। जबकि व्यवस्था 1 लाख लोगों के लिए था। आज शुक्रवार को यहां लगभग डेढ़ लाख श्रद्धालु जुटे हैं। इसके बाद रुद्राक्ष वितरण स्थल पर बैरिकेड आदि टूट जाने के कारण रुद्राक्ष वितरण रोक दिया गया है और शिव पुराण कथा सभी श्रद्धालु सुन रहे हैं।
गुरुवार को अधिक भीड़ आ जाने के कारण भोपाल इंदौर रोड (Bhopal-Indore Road) पर लगभग 50 किलोमीटर तक लंबा जाम लग गया था, लेकिन आज दूसरे दिन यातायात व्यवस्था पूरी तरह बहाल हो गई है क्योंकि रुद्राक्ष वितरण बंद हो जाने के कारण रुद्राक्ष लेने की आस में सीहोर आए लोग अब वापस जाने लगे हैं। इस समय कुबेरेश्वर धाम में लगभग डेढ़ लाख लोग मौजूद है। अधिकांश लोग यहां महाशिवरात्रि के अवसर पर पूजा अर्चना करने और धाम के दर्शन करने के लिए रुके हुए हैं, प्रतिदिन होने वाली शिव पुराण कथा सुनने के लिए भी श्रद्धालु यहां उपस्थित है।
उल्लेखनीय है कि, कुबेरेश्वर धाम से रुद्राक्ष लेने के लिए देश के कोने-कोने से लाखों की संख्या में श्रद्धालु सीहोर आए थे। जिन्हें बुधवार और गुरुवार को रुद्राक्ष मिला, लेकिन भीड़ अधिक हो जाने के कारण रुद्राक्ष वितरण अभी रोक दिया गया है। बताया गया है कि यहां से मिलने वाले रुद्राक्ष के प्रति लोगों में गहरी आस्था है। लोगों का ऐसा मानना है कि स्वास्थ्य लाभ के लिए रुद्राक्ष काफी उपयोगी है और धार्मिक दृष्टि से भी उसका काफी महत्व है। लोगों की इस रुद्राक्ष में गहरी आस्था है। इसलिए पूरे देश के कोने-कोने से लोग इस रुद्राक्ष को लेने के लिए कुबेरेश्वर धाम आश्रम लाखों की संख्या में पहुंच रहे हैं।