रायपुर. आज वैशाख की मासिक शिवरात्रि है। आज के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग में भगवान शिव की पूजा होगी। आज सुबह 05 बजकर 53 मिनट से ही सर्वार्थ सिद्धि योग प्रारंभ है, जो रात तक है। आज के दिन पंचक और भद्रा भी हैं, लेकिन इसका पूजा पर कोई प्रभाव नहीं होगा। आज सुबह से ही शिव भक्त भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना कर रहे हैं, इस मासिक शिवरात्रि पर वे शिव कृपा से अपनी मनोकामना पूर्ति कर लेना चाहते हैं। उत्तरप्रदेश के काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं मासिक शिवरात्रि व्रत और पूजा विधि, ज्योतिष उपाय के बारे में।
मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त 2023
वैशाख कृष्ण चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ: आज, दोपहर 01 बजकर 27 मिनट सेवैशाख कृष्ण चतुर्दशी तिथि का समापन: कल, सुबह 11 बजकर 23 मिनट परशिव पूजा का निशिता मुहूर्त: रात 11 बजकर 58 मिनट से देर रात 12 बजकर 42 मिनट तकसर्वार्थ सिद्धि योग: प्रात:काल 05 बजकर 53 मिनट से देर रात 01 बजकर 01 मिनट तकइंद्र योग: आज सुबह से लेकर शाम 06 बजकर 10 मिनट तक, फिर वैधृति योगउत्तर भाद्रपद नक्षत्र: आज सुबह से देर रात 01:01 बजे तक।
आज प्रात: काल से रात तक सर्वार्थ सिद्धि योग लगा है, ऐसे में आप मासिक शिवरात्रि की पूजा कभी भी कर सकते हैं. आज भद्रा दोपहर 01:27 बजे से रात 12:23 बजे तक है और पंचक पूरे दिन है।
मासिक शिवरात्रि व्रत और पूजा विधि
आज स्नान-ध्यान के बाद मासिक शिवरात्रि व्रत और शिव पूजा का संकल्प करें। उसके बाद शुभ मुहूर्त में भगवान शिव का गंगाजल और दूध से अभिषेक करें। फिर भोलेनाथ को बेलपत्र, भांग, धतूरा, सफेद चंदन, फूल, माला, फल, गंध, धूप, दीप, अक्षत्, शहद, मिठाई आर्दि अर्पित करें। पूजा में सिंदूर, कुमकुम, हल्दी, शंख, केतकी पुष्प, तुलसी आदि का उपयोग न करें, ये शिव पूजा में वर्जित हैं।
इसके बाद शिव चालीसा का पाठ करें और शिवरात्रि व्रत कथा सुनें। भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र ओम नम: शिवाय का जाप रुद्राक्ष की माला से कर सकते हैं। जिन लोगों को निशिता मुहूर्त में पूजा करनी है, वे मंत्र सिद्धि कर सकते हैं। दिनभर फलाहार पर रहें। रात्रि के समय में जागरण करें.फिर अगले दिन सूर्योदय के समय स्नान-ध्यान करके शिव जी की पूजा करें। अपनी क्षमता के अनुसार दान करें। उसके बाद पारण करके व्रत को पूरा करें।