प्रयागराज के विश्व प्रसिद्ध “लेटे हनुमान जी” में दूसरी बार पहुंची गंगा की जलधारा, पहुंचते ही शुरू हुआ ये काम…

Lete Hanuman Ji, Prayagraj News: देश में लगातार हो रही बारिश के कारण देश की ज़्यादातर नदियों को जल स्तर एक बार फिर ख़तरे के निशान के आसपास या उसके ऊपर पहुँच गया है. इधर देश की दो प्रमुख नदियों के बीच बसे प्रयागराज में गंगा, जमुना दोनों नदियों का जल स्तर भी लगातार बढ़ने लगा है. क़रीब पाँच सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से बढ़ रहे जल स्तर की वजह से एक तरफ़ लोगों की चिंता बढ़ गई है. वहीं देश की दोनों प्रमुख नदियों का जल संगम से लेटे हनुमान तक फिर से पहुँच गया है.

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महाकुंभ पर प्रभाव

संगम नगरी प्रयागराज में दो महीने बाद महाकुंभ का आयोजन होना है. लेकिन लगातार दूसरी बार गंगा और जमुना का जल स्तर बढ़ने से महाकुंभ की तैयारियों में लगातार विलंब हो रहा है. संगम क्षेत्र में महाकुंभ की तैयारी के लिए किए जाने वाले स्थाई और अस्थाई निर्माण कार्य बाढ़ से पानी से प्रभावित हो रहे है. जिससे महाकुंभ प्रबंधन के सामने चार महीने मे तैयारी पूर्ण कर लेना चुनौती बना हुआ है. ग़ौरतलब है कि प्रयागराज को अपने गोद में बसाने वाली देश की दोनों प्रमुख नदियों का जल स्तर ख़तरे के निशान से पाँच मीटर नीचे बह रही हैं. लेकिन प्रतिघंटे जल स्तर का चार से पाँच सेंटीमीटर बढ़ने से एक बार फिर आम लोगों के साथ मेला प्रबंधन के माथे में चिंता की लकीर साफ दिखने लगी है. 

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दूसरी बार हनुमान स्नान

बाढ़ का नाम सुनकर केवल और केवल उस तबाही का मंजर दिल और दिमाग़ में आता है, जो पिछले वर्षों में भारत में देखा गया है. लेकिन अध्यात्म और पुरानी मान्यताओं से जुड़े लोग गंगा यमुना के पानी से लेटे हुए हनुमान जी के स्नान की प्राकृतिक प्रकिया को काफी शुभ मानते हैं. ऐसे में इस साल दूसरी बार गंगा जमुना की जलधारा लेटे हनुमान जी को स्नान कराने पहुँच गई है. जिसको लोग काफी शुभ मान रहे हैं.

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बजरंग भक्त काफी खुश

गंगा जमुना का जल दूसरी बार लेटे हनुमान जी को स्नान कराने पहुँचा है. जिसके बाद हनुमान भक्त और मंदिर प्रबंधन विधि विधान से पूजा अर्चना में जुट गया है. हनुमान जी के इस स्नान के साथ ही गंगा जमुना के अभिनंदन के लिए मंदिर के घंटे और शंख को आध्यात्मिक अंदाज में बजाया जा रहा है. मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक़ जल स्तर क़रीब दो दिनों तक बढ़ता रहेगा. लेकिन फ़िलहाल मंदिर के कपाट बंद नहीं किए गए है. और मंदिर में लगातार पूजा अर्चना का दौर जारी है.