Shiv Mandir : 500 साल पुराण शिव मंदिर, जिसमें देवताओं की मूर्तियों की गिनती नहीं कर पाएंगे आप, ख़ास है शिवबाड़ी का चमत्कारिक रहस्य और ऐतिहासिक महत्व

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Shiv Mandir Miracle, Shiv Mandir, Shivbadi Mandir : राज्य के हर कोने में भव्य किले, ऐतिहासिक महल और रहस्यमयी मंदिरों की भरपूर धरोहर है। बीकानेर जिले में भी ऐसे अनोखे मंदिर हैं, जिनकी कहानियां और मान्यताएं उन्हें विशेष बनाती हैं। इनमें से एक विशेष मंदिर है शिवबाड़ी मंदिर। जिसे स्थानीय लोग चमत्कारी मानते हैं और इसकी प्रतिमाओं की गिनती में रहस्यमय तत्व का अहसास करते हैं। इस मंदिर का इतिहास और उसकी विशेषताएं आज हम आपके सामने पेश करेंगे।

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शिवबाड़ी मंदिर का ऐतिहासिक महत्व

शिवबाड़ी मंदिर की स्थापना महाराजा डूंगर सिंह ने 19वीं शताब्दी में की थी। यह मंदिर लगभग 500 साल पुराना है और इसे विशेष रूप से संतान प्राप्ति के लिए बनाया गया था। मंदिर में भगवान शिव के अलावा भागवत कथा में वर्णित हर देवी-देवता की प्रतिमा स्थापित की गई है। यह मंदिर स्थानीय लोगों के बीच ‘डूंगरेश्वर महादेव’ के नाम से भी जाना जाता है। हर साल महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां एक विशाल मेला लगता है, जो धार्मिक आस्था का प्रतीक होता है।

प्रतिमाओं का रहस्य

शिवबाड़ी मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता उसकी प्रतिमाओं का रहस्य है। मंदिर की प्रतिमाओं की गिनती हमेशा अलग-अलग होती है, जो इसे रहस्यमय बनाती है। कई बार प्रतिमाओं को गिनने की कोशिश की गई है, लेकिन हर बार गिनती में भिन्नता देखी गई है। यह रहस्यपूर्ण स्थिति लोगों को आकर्षित करती है और मंदिर की अद्वितीयता को प्रमाणित करती है। हर प्रतिमा पर भगवान का नाम लिखा हुआ है, जो उनकी पहचान को सुनिश्चित करता है।

दीवारों पर अनोखी कला

शिवबाड़ी मंदिर की दीवारें भी किसी रहस्य से कम नहीं हैं। हर दीवार पर विभिन्न पुरानी पेंटिंग्स देखने को मिलती हैं, जिनमें शिव-पार्वती, राम-सीता, कृष्ण और संगीतकारों की चित्रकारी की गई है। लाल बलुआ पत्थर से निर्मित यह मंदिर कला और craftsmanship का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है। दीवारों पर बारीक काम और धार्मिक चित्रण इसे विशिष्ट बनाते हैं और मंदिर की ऐतिहासिक महत्ता को बढ़ाते हैं।

सावन के महीने की विशेषता

सावन का महीना शिवबाड़ी मंदिर के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दौरान, दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आते हैं और पूरे दिन भगवान शिव का अभिषेक और श्रृंगार किया जाता है। सावन में मंदिर में विशाल भीड़ होती है, और सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी दिन-रात तैनात रहते हैं। इस दौरान एक विशेष मेला भी लगता है, जो मंदिर की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्वता को दर्शाता है।

कैसे पहुंचें शिवबाड़ी मंदिर

शिवबाड़ी मंदिर बीकानेर शहर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बीकानेर पहुंचने के लिए ट्रेन या बस की सुविधा उपलब्ध है। बीकानेर के विभिन्न हिस्सों से शिवबाड़ी तक ऑटो भी चलते हैं, जो यात्रियों की सुविधा के लिए होते हैं। सावन के महीने और शिवरात्रि के समय पर यहां विशेष व्यवस्था की जाती है, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई न हो।

इतिहास, कला, और रहस्य का अनूठा संगम

बीकानेर का शिवबाड़ी मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह इतिहास, कला, और रहस्य का अनूठा संगम है। प्रतिमाओं की गिनती में भिन्नता, दीवारों की प्राचीन कला, और सावन के मेले की विशेषता इस मंदिर को विशिष्ट बनाती है।

यह मंदिर धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक धरोहर, और ऐतिहासिक महत्व का प्रतीक है, जो पर्यटकों और श्रद्धालुओं को हर बार आकर्षित करता है। बीकानेर यात्रा के दौरान इस चमत्कारी मंदिर का दौरा करना निश्चित रूप से एक अद्वितीय अनुभव साबित हो सकता है।