Rajim Maghi Punni Mela 2023: हमारे देश में कई विशाल धार्मिक मेले आयोजित किए जाते हैं। राजिम मेला भी इनमें से एक हैं। ये मेला छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित राजिम नामक तीर्थ स्थल पर लगता हैं। इसलिए इसे राजीम मांघी पुन्नी मेला या राजिम कुंभ मेला कहते हैं। इस मेले की शुरुआत मांघी पूर्णिमा से होती हैं। जो इस साल 5 फरवरी से 18 फरवरी तक चलेगा।
छत्तीसगढ़ का प्रयाग राजिम क्यों कहते हैं?
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में राजीम महानदी के तट पर स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हैं। इस तीर्थ स्थल से जुड़ी हुई कई मान्यताएं और परंपराएं इसे और खास बनाती हैं। यहां महानदी पर तीन नदियों (महानदी, सोंढूर और पैरी नदी) का संगम ( तीन नदी एक साथ मिलते हैं ) होता हैं। त्रिवेदी संगम होने के कारण ही इसे छत्तीसगढ़ का प्रयाग कहते हैं।
राजिम में क्या हैं खास बात –
यहां दो प्रमुख मंदिर हैं। जो राजिम मेला की सुंदरता को बढ़ा देती हैं। यह आप ये भी कह सकते हैं कि इन्ही दोनों मंदिरों के चलते ही लोग जानते हैं। यहां कुलेश्वर महादेव का विशाल मंदिर है। जो आठवीं शताब्दी का बताया जाता हैं। इसके अलावा भगवान विष्णु का राजीव लोचन मंदिर हैं। जो पूरे देश में प्रसिद्ध हैं। साथ ही, तीनों नदियां ( महानदी, सोंढूर और पैरी नदी ) का एक साथ मिलना।
राजिम अपने आप में एक विशेष महत्व रखने वाला एक छोटा सा शहर हैं। राजिम गरियाबंद जिले का एक तहसील हैं। प्राचीन समय से राजिम अपने पुरातत्वों और प्राचीन सभ्यताओं के लिए प्रसिद्ध हैं। राजिम मुख्य रूप से भगवान श्री राजीव लोचन जी के मंदिर के कारण प्रसिद्ध हैं। राजिम का यह मंदिर आठवीं शताब्दी का हैं। यहाँ कुलेश्वर महादेव जी का भी मंदिर हैं। जो संगम स्थल पर विराजमान हैं। राजिम माघी पुन्नी मेला प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक चलता हैं। इस दौरान प्रशासन द्वारा विविध सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजन होते हैं।
राजीव मांघी पुन्नी मेला या राजिम कुंभ मेला-
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित त्रिवेणी संगम राजिम में 15 दिनों तक राजिम माघी पुन्नी मेला (Rajim Maghi Punni Mela 2023) या राजिम कुंभ मेला ( Rajim Kumbh Mela 2023) का आयोजन होगा। जो हर साल आयोजित होता हैं। इस शुभ अवसर पर यहां लाखों की संख्या में भक्त दर्शन करने और स्नान के लिए आते हैं। इस मेला का शुरुआत 5 फरवरी को होगा जो 18 फरवरी यानी महाशिवरात्रि तक चलेगा। इस भव्य 15 दिवसीय मेले के दौरान पहला स्नान 6 फरवरी को दूसरा स्नान 13 फरवरी को और तीसरा और अंतिम स्नान 18 फरवरी महाशिवरात्रि के दिन होगा।